8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम के साथ जानें नए बने केंद्रशासित राज्य

8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम

पूरा विश्व जानता है कि भारत एक संप्रभुता वादी,  समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य वाला एक देश है जहां पर पूरे देश को राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है अभी तक भारत में 29 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम से जाना जाता था किंतु 2019 के संविधान संशोधन के पश्चात जब जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाई गई है तो वहां पर जम्मू और कश्मीर राज्य की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है और वहां पर 2 केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया गया है, जिसमें जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख हैं। इस प्रकार वर्तमान समय में अर्थात 2019 के धारा 370 हटाने के पश्चात संविधान संशोधन के अनुसार भारत में 28 राज्य तथा 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इसलिए आज के इस लेख में पहले के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम के साथ साथ वर्तमान समय में नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो आप सभी के लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है। भारत एक ऐसा देश है जहां पर समय-समय पर संविधान संशोधन द्वारा विभिन्न प्रकार के संशोधन होते रहते हैं, क्योंकि भारत में राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार के पास राज्यसभा तथा लोकसभा में संविधान संशोधन प्रक्रिया द्वारा संविधान में परिवर्तन किया जाता है, जो देश के हित के लिए होता है यह संविधान संशोधन राज्यसभा तथा लोकसभा की बैठक में सर्वसम्मति से पास किया जाता है।

भारत क्या है

भारत

वर्तमान समय में भारत पूरी दुनिया के सामने एक शक्ति बनकर सामने आ रहा है भारत जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवां स्थान रखने वाला देश है जो वर्तमान समय में विकासशील देशों की श्रेणी में आता है और सभी विकासशील देशों की आधुनिक टेक्नोलॉजी तथा कार्यशैली के बराबर कार्य करके तथा विश्व में अपनी आधुनिक टेक्नोलॉजी प्रस्तुत करके पूरे विश्व में अपना एक नया रूप तैयार कर रहा है। प्राचीन भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि भारत के पास बहुत अधिक मात्रा में धन दौलत तथा खनिज उपलब्ध थे किंतु वर्तमान समय में भी भारत अनेकता में एकता की एक मिसाल बना हुआ है, क्योंकि भारत में भिन्न-भिन्न धर्म तथा संप्रदायों के लोग रहते हैं फिर भी इसकी एक संस्कृत तथा एकता देखने को मिलती है। भारत में प्रत्येक क्षेत्र में भिन्न-भिन्न भाषाएं बोली जाती हैं तथा भिन्न-भिन्न संस्कृति को मानने वाले लोग पाए जाते हैं, भारत को भिन्न भिन्न राज्यों में बांटा गया है फिर भी भारत की झलक अनेकता में एकता की ही दिखाई देती है, इसका मुख्य कारण यहां पर रहने वाले लोग हैं जो अलग-अलग धर्म संस्कृति बोली भाषा तथा धर्म संप्रदाय के होते हुए भी भारतीयता को अपनाते हैं। भारत को विभिन्न राज्यों तथा भिन्न-भिन्न 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था, किंतु वर्तमान समय में 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम के साथ एक और नाम जोड़ा गया है तथा जिसके स्थान पर एक राज्य को कम किया गया है अर्थात वर्तमान समय में 28 राज्य तथा 9 केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भारत का निर्माण होता है।

राज्यों तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम

राज्यों तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम

भारत को प्रदेशों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है ऐसा इसलिए किया गया है जिससे कि प्रत्येक क्षेत्र का विकास सामूहिक रूप से हो सके क्योंकि भारत के केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों के विकास के लिए तथा उनकी देखभाल करने के लिए स्वतंत्र राज्य सरकार बनाने का प्रावधान किया गया है, अर्थात भारतीय संविधान में केंद्र सरकार के अलावा प्रत्येक राज्य की अपनी स्वतंत्र राज्य सरकार होती है, जो विभिन्न प्रकार के राज्य के अंदर नियम कानून बनाने के लिए जिम्मेदार होती है, जिससे कि राज्य का विकास हो सके उसी प्रकार केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार की निगरानी तथा राज्यपाल या उपराज्यपाल की सहायता से केंद्र शासित प्रदेशों का विकास किया जाता है तथा कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के पास अपनी राज्य सरकार होती है तथा वहां पर राज्यसभा का निर्माण भी किया जाता है। सन 2019 से पहले जब जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू थी तब भारत में कुल 29 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेश थे किंतु वर्तमान समय में जब केंद्र सरकार द्वारा सन 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया गया तो, वहां पर जम्मू कश्मीर राज्य की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया अर्थात जम्मू कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में परिवर्तित कर दिया गया, जिसमें जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख है इन 2 केंद्र शासित प्रदेशों के पढ़ने तथा जम्मू और कश्मीर राज्य के समाप्त होने से अब वर्तमान समय में भारत 28 राज्य तथा 9 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हुआ है।

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भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम

क्या आप जानते हैं भारत में वर्तमान समय में 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम के स्थान पर 9 केंद्र शासित प्रदेश होते हैं क्योंकि 2019 के संविधान संशोधन के पश्चात जम्मू कश्मीर राज्य को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख और दोनों को ही केंद्र शासित राज्य घोषित किया गया है, जिसके पश्चात भारत में वर्तमान समय में 9 केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश ऐसे प्रदेश होते हैं जो भारत की आजादी के समय या तो पूर्ण रूप से भारत में विलय नहीं हुए थे या उस समय आजाद नहीं हुए थे ऐसे राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में रखा गया है। यह राज्य पहले के समय में छोटी-छोटी रियासतें हुआ करती थी जो विभिन्न राजाओं द्वारा संचालित की जाती थी जिन्हें बाद में संविधान संशोधन द्वारा भारत में जोड़ा गया और उन्हें केंद्र शासित राज्यों का दर्जा दिया गया वर्तमान समय में भारत में 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। जो निम्नलिखित

केंद्रशासित प्रदेश  राजधानी स्थापना की तारीख
अंडमान और निकोबार पोर्ट ब्लेयर 1 नवंबर 1956
अरुणाचल प्रदेश इटानगर 20 फरवरी 1987
असम दिसपुर 26 जनवरी 1950
चंडीगढ़ चंडीगढ़ 1 नवंबर 1966
दादरा और नगर हवेली सिलवास 11 अगस्त 1961
दमन और दीव दमन 30 मई 1987
दिल्ली नई दिल्ली 9 फरवरी 1991
लद्दाख लेह 31 अक्टूबर 2019
पुडुचेरी पुडुचेरी 1 नवंबर 1954

भारत के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में वर्तमान समय में 8 नहीं बल्कि 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जबकि राज्यों की संख्या 29 से 28 हो गई है। भारत में राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी संस्कृति तथा भाषा के अनुसार अलग-अलग विभाजित किया गया है, जिससे कि प्रत्येक प्रदेश तथा केंद्र शासित प्रदेश अपने क्षेत्र की संस्कृति तथा भाषा के अनुसार रहन-सहन जीवन यापन तथा अपनी सांस्कृतिक शैली के अनुसार अपना विकास कर सके, इसलिए भारत एक पूर्ण देश होने के कारण भी प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार की संस्कृति तथा संस्कृत के हिसाब से विकास तथा अन्य डेवलपमेंट देखने को मिलते हैं। भारत के प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश में अपने क्षेत्र की प्राचीन सांस्कृतिक विरासतों को संभाल कर रखा है और यह उसका मौलिक अधिकार है। यह अधिकार उसे भारतीय संविधान प्रदान करता है इसलिए भारत का प्रत्येक व्यक्ति अपनी तथा अपने क्षेत्र की संस्कृति बोली भाषा तथा अन्य विभिन्न प्रकार की प्राचीन विरासतों को सुरक्षित तथा संरक्षित करने का अधिकार रखता है। इसी कारण भारत में प्रत्येक क्षेत्र में विविधता देखने को मिलती है जो लोग भारत भ्रमण के लिए आते हैं उनको एक ही देश में विभिन्न देशों के दर्शन होते हैं। यही कारण है कि भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत से दक्षिण के कन्याकुमारी तक विभिन्न कृतियों तथा बोली भाषा और रहन सहन में भिन्नता पाई जाती है बोली भाषा तथा क्षेत्रीय संस्कृति के कारण भारत को निम्नलिखित 28 राज्यों में विभाजित किया गया है ।

राज्य राजधानी स्थापना की तारीख़
आंध्र प्रदेश हैदराबाद 26 जनवरी, 1950
अरुणाचल प्रदेश इटानगर 20 फरवरी, 1987
असम दिसपुर 26 जनवरी, 1950
बिहार पटना 26 जनवरी, 1950
छत्तीसगढ़ रायपुर 1 नवंबर, 2000
गोवा पणजी 30 मई, 1987
गुजरात गांधीनगर 1 मई, 1960
हरियाणा चंडीगढ़ 1 नवंबर, 1966
हिमाचल प्रदेश शिमला 25 जनवरी, 1971
झारखंड रांची 15 नवंबर, 2000
कर्नाटक बेंगलुरु 1 नवंबर, 1956
केरल थिरुवनंतपुरम 1 नवंबर, 1956
मध्य प्रदेश भोपाल 1 नवंबर, 1956
महाराष्ट्र मुंबई 1 मई, 1960
मणिपुर इम्फाल 21 जनवरी, 1972
मेघालय शिलांग 21 जनवरी, 1972
मिजोरम आइजोल 20 फरवरी, 1987
नागालैंड कोहिमा 1 दिसंबर, 1963
ओडिशा भुवनेश्वर 26 जनवरी, 1950
पंजाब चंडीगढ़ 1 नवंबर, 1966
राजस्थान जयपुर 1 नवंबर, 1956
सिक्किम गंगटोक 16 मई, 1975
तमिलनाडु चेन्नई 26 जनवरी, 1950
त्रिपुरा अगरतला 21 जनवरी, 1972
उत्तराखंड देहरादून 9 नवंबर, 2000
उत्तर प्रदेश लखनऊ 26 जनवरी, 1950
पश्चिम बंगाल कोलकाता 26 जनवरी, 1950
तेलंगाना हैदराबाद 2 जून, 2014

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भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम से जुड़ी कुछ रोचक बातें

भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम से जुड़ी कुछ रोचक बातें

भारत में प्रदेशों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में भारत को विभाजित किया गया है जिससे कि इसकी अखंडता तथा विभिन्नता को बनाए रखा जा सके तथा प्रत्येक क्षेत्र की संस्कृति और भाषा हो जीवित रखने के लिए प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश अपनी संस्कृति और सभ्यता की रक्षा कर सके और उसका विकास कर सके। इसलिए इसको विभिन्न में केंद्र शासित प्रदेशों तथा विभिन्न राज्यों में बांटा गया है। पहले भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम से जाना जाता था किंतु वर्तमान समय में 9 केंद्र शासित प्रदेश तथा 28 राज्य भारत की अखंडता में एकता की एक मिसाल प्रस्तुत करते हैं। इसलिए इन 28 राज्यों की संप्रभुता तथा संस्कृति और सभ्यता को बचाए रखने के लिए अलग से प्रदेश सरकारें बनाई जाती हैं, जिनमें मुख्यमंत्री का निर्वाचन विधान परिषद द्वारा किया जाता है तथा इन सभी राज्यों की निगरानी तथा देखभाल के लिए केंद्र सरकार का निर्वाचन किया जाता है, जिसमें पूरे देश के सभी नागरिक अपना जनमत प्रस्तुत करते हैं और प्रधानमंत्री का चुनाव होता है। आज के इस लेख में भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम तथा उनके बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम के साथ साथ नवनिर्वाचित केंद्र शासित प्रदेशों की जानकारी भी दी जाएगी। जो निम्नलिखित है

  • अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
  • चंडीगढ़
  • दादरा और नगर हवेली
  • दिल्ली
  • लक्षद्वीप
  • पांडुचेरी
  • जम्मू कश्मीर
  • लद्दाख

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह

विशेषता अंडमान द्वीप समूह निकोबार द्वीप समूह
अक्षांश 11.68 उत्तरी अक्ष 7.74 उत्तरी अक्ष
देशांतर 92.74 पूर्वी देशांतर 93.93 पूर्वी देशांतर
जनसंख्या लगभग 4,50,000 (संख्यात्मक अनुमान) लगभग 1,00,000 (संख्यात्मक अनुमान)
क्षेत्रफल लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर लगभग 1,841 वर्ग किलोमीटर
जलवायु अंडमान – उष्णकटिबंधीय जलवायु निकोबार – उष्णकटिबंधीय जलवायु

अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, भारतीय महासागर के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है, जिसमें 572 छोटे-बड़े द्वीप हैं। यह द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी के निकट अस्तित्व में हैं और उन्हें चिंग्‍हार रेखा से अलग करती है। इस समूह का कुल क्षेत्रफल लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर है। यहां की सुंदर समुद्री तटें, वन्यजीवन, बेहद सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध संस्कृति लोगों को खिंचते हैं। अंडमान द्वीप समूह में कुछ प्रमुख द्वीप हैं ग्रेट अंडमान, रोस्ट अंडमान, लिटिल अंडमान और नैंसी द्वीप आदि। यहां के जंगली क्षेत्रों में अनेक प्रजातियों के प्राकृतिक जीव रहते हैं जैसे कि अंडमानियन ब्लैक रैकशैय, जंगली सूअर, अंडमान ब्लू खगोली और जंगली कछुआ आदि। यहां के समुद्री जीवन में भी विविधता देखी जा सकती है, जिसमें समुद्री कछुआ, समुद्री कुम्हा, डॉल्फिन और कई प्रकार के समुद्री पक्षी शामिल हैं।

निकोबार द्वीप समूह अंडमान के दक्षिण में स्थित है, और इसमें 22 छोटे-बड़े द्वीप हैं। यहां की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य भी दर्शकों को मोह लेता है। निकोबार द्वीप समूह के बहुत से द्वीप अभी भी अप्रवेशित हैं और वहां के आदिवासी जनजातियों की संस्कृति और जीवनशैली अध्ययन के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अंडमान व निकोबार द्वीप समूह का पर्यटन स्थल के रूप में भी महत्व है। प्रकृति प्रेमियों, समुद्री तटों के शौकीनों, वन्यजीवन के दीवानों और समृद्ध संस्कृति के अनुसंधानकर्ताओं के लिए यह एक स्वर्गीय स्थान है। अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की प्राकृतिक खूबसूरती, साहसिक वाटावरण, रोमांचक जीवनशैली और साम्राज्यिक इतिहास ने इसे भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय बना दिया है।

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चंडीगढ़

चंडीगढ़

विशेषता विवरण
राज्य का नाम चंडीगढ़
भौगोलिक स्थिति उत्तरी अक्षांश: 30.74 डिग्री
पूर्वी देशांतर: 76.78 डिग्री
जनसंख्या लगभग 12 लाख 
क्षेत्रफल लगभग 114 वर्ग किलोमीटर
जलवायु चंडीगढ़ में उमस वल्कैनिक जलवायु होती है। गर्मियों मे तापमान 30-45 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि सर्दियों में तापमान 2-20 डिग्री सेल्सियस

चंडीगढ़ भारत का एक विशेष शहर है जो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जाना जाता है। यह शहर पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच स्थित है और इसे भारतीय संघ राज्य बताया जाता है। चंडीगढ़ नाम का उत्पत्ति देवी चंडी के नाम पर हुआ है, जिसका मंदिर शहर के पास स्थित है। यह शहर भारतीय वित्त मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सपने के अनुसार बनाया गया था और इसका निर्माण चंडीगढ़ के द्वीप पर 1966 में हुआ था। इसे भारत के स्वतंत्रता के बाद का पहला नगर निगम शहर घोषित किया गया था। चंडीगढ़ शहर विश्वभर में अपने विशेष नियमित रचनात्मक नगरीय योजना और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसमें व्यापार, सरकारी संस्थान, और शिक्षा के क्षेत्र में अधिकांश संगठनों का मुख्यालय स्थित है। यहां के विभिन्न सरकारी दफ्तर, उच्चतर शिक्षा संस्थान और अन्य सार्वजनिक संस्थान उच्च स्तरीय शिक्षा और सेवाएं प्रदान करते हैं। चंडीगढ़ शहर की संरचना पूरी तरह से योजनाबद्ध है। शहर को सेक्टरों में बांटा गया है, प्रत्येक सेक्टर के भीतर विभिन्न आवासीय, व्यापारिक और सार्वजनिक स्थल होते हैं। इसकी व्यवस्थित सड़कें, बगीचे, और खुले स्थल शहर को एक आकर्षक और सुरक्षित नगर बनाते हैं। चंडीगढ़ शहर का इतिहास, संस्कृति और पर्वाहकर्ता का ध्यान रखते हुए, यहां कई पारंपरिक त्योहार भी मनाए जाते हैं, जो शहर को अपने रंगीनता और समृद्धि के साथ दिखाते हैं। इसके साथ ही, शहर में आधुनिक जीवन शैली भी मौजूद है, जिससे लोग यहां के विकास और तरक्की को देखकर प्रेरित होते हैं।

दादरा और नगर हवेली

दादरा और नगर हवेली

विशेषता विवरण
राज्य का नाम दादरा और नगर हवेली
भौगोलिक स्थिति 20.1° उत्तरी अक्षांश
73.1° पूर्वी देशांतर
जनसंख्या लगभग 3,00,000 (अनुमान)
क्षेत्रफल लगभग 491 वर्ग किलोमीटर
जलवायु सामान्य भारतीय जलवायु

दादरा और नगर हवेली एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में समुद्र तल से करीब 150 किलोमीटर उचाई पर स्थित है। दादरा और नगर हवेली द्वीप समूह का एक अंग है और इसका प्रशासनिक मुख्यालय सिल्वासा में स्थित है। यह भारतीय राज्य दादरा और नगर हवेली को विशेष स्थान प्रदान करता है और इसकी विशेषता इसके सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, और समृद्ध धार्मिक धरोहर है। दादरा और नगर हवेली की सीमाएँ महाराष्ट्र राज्य से घिरी हुई हैं और गुजरात राज्य से इसकी सीमा लगती है। यह क्षेत्रफल में छोटा होने के कारण यह भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है। इसके आधिकारिक भाषा एक हिंदी है। यहां का जलवायु गर्म और ठंडा रहता है, और मुख्य जीवनायन्त्रण खेती और पशुपालन पर आधारित है। खासतौर पर चावल, गेहूँ, जूट, गन्ना और मक्का यहां की प्रमुख फसलें हैं। दादरा और नगर हवेली का स्थानीय जीवन भारतीय संस्कृति और परंपराओं से घिरा हुआ है। इसके प्रमुख त्योहार दिवाली, होली, नवरात्रि, ईद, रक्षाबंधन, और छठ पूजा हैं, जिन्हें धूमधाम से मनाया जाता है। दादरा और नगर हवेली का पर्यटन स्थलों में विश्वसनीयता है। सिल्वासा शहर का विकास विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। इसके अलावा, वन्यजीवन संरक्षण क्षेत्र, झिल्ली झरना, हिंगलाज माता मंदिर, त्रिमकेश्वर मंदिर, और वांगधर नदी बांध भी पर्यटकों की पसंदीदा स्थल हैं। दादरा और नगर हवेली एक समृद्ध और भूपूर्व क्षेत्र है जो अपने स्वभाविक सौंदर्य और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखने में गर्व करते हैं और अपने संप्रदायिक त्योहारों को धूमधाम से मनाते हैं।

दिल्ली

दिल्ली

विशेषता विवरण
स्थान उत्तरी भारत में, हरियाणा राज्य के दक्षिण में स्थित, यमुना नदी के पश्चिमी तट पर।
अक्षांश 28.6139 डिग्री उत्तरी अक्षांश
देशांतर 77.2090 डिग्री पूर्वी देशांतर
जनसंख्या लगभग 1.9 करोड़ (2011 की जनगणना के अनुसार)
क्षेत्रफल लगभग 1,484 वर्ग किलोमीटर
जलवायु दिल्ली में अर्द्ध-शुष्क जलवायु होती है, जिसमें गर्मी बहुत तेज़ होती है और मौसम बर्फीला नहीं होता है। गर्मियों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि सर्दियों में शीत अधिकतम तापमान लगभग 4 डिग्री सेल्सियस रहता है।

दिल्ली भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश है। यह भारत की राजधानी है और देश की राजनीतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा, वित्तीय और व्यापारिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र है। दिल्ली का स्थापना इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे कई सम्राटों ने राज्य की राजधानी के रूप में चुना था। दिल्ली के इतिहास में चाँदेल राजवंश, तुगलक और मुघल सम्राटों ने इसे अपने राजधानी के रूप में बनाया था। बाद में इसे ब्रिटिश शासन का एक प्रमुख केंद्र बनाया गया और भारत की आजादी के बाद, दिल्ली भारत की राजधानी घोषित की गई। दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों में लाल किला, कुतुब मीनार, हुमायूँ का मकबरा और राष्ट्रीय स्मारक भवन जैसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। इनके अलावा दिल्ली में व्यापारिक और शौकिया बाजारें, पार्क्स, मॉल्स और रेस्त्रां भी हैं जो आधुनिक जीवनशैली का प्रतीक हैं। दिल्ली भारतीय संस्कृति और विरासत का केंद्र है। यहां हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति, विभिन्न राजस्थानी, पंजाबी, बंगाली और गुजराती भाषाएँ बोली जाती हैं। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख शिक्षा संस्थान भी हैं। दिल्ली की सरकार को दिल्ली सरकार, निगमित दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निगम से बाँटा गया है। एनसीआर दिल्ली का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है जिसमें राष्ट्रीय संसद और केंद्रीय सरकार के कई दफ्तर स्थित हैं। दिल्ली विभिन्न धर्मों के लोगों का आवास स्थान है और यहां कई धार्मिक स्थल भी हैं जैसे इस्कॉन मंदिर, गुरुद्वारा बांगला साहिब, अख्षरधाम मंदिर और हजी अली दरगाह। समर्थन और विकास की दृष्टि से भी दिल्ली एक प्रमुख नगर निगम है जो नए विकास कार्यों, सड़कों, पानी और बिजली की आपूर्ति, और सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम करता है।

लक्षद्वीप

लक्षद्वीप

विशेषता विवरण
राज्य का नाम लक्षद्वीप
भौगोलिक स्थिति 8.295441 डिग्री उत्तर
73.048973 डिग्री पूर्व
जनसंख्या प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय विविधता के कारण, लक्षद्वीप की नसंख्या छोटी है।
क्षेत्रफल 32.62 वर्ग किलोमीटर
जलवायु उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल)

लक्षद्वीप, भारत का एक सुंदर समूही द्वीपों का राज्य है, जो भारतीय महासागर में अरब सागर के उत्तरी भाग में स्थित है। इसमें कुल 36 द्वीप हैं, जिनमें से आठ द्वीप आबाद हैं और बाकी अनुप्रयोगी हैं। लक्षद्वीप का नाम संस्कृत शब्द “लक्ष” से आया है, जिसका अर्थ है “सौंदर्य” और “द्वीप” शब्द से जुड़ा है, जिसका अर्थ है “द्वीप”। लक्षद्वीप का क्षेत्रफल लगभग 32 वर्ग किलोमीटर है और यह भारतीय महासागर का एकमात्र द्वीपीय राज्य है। इसका प्रशासनिक मुख्यालय कवरत्ती है। लक्षद्वीप के पास अद्भुत समुद्री जलवायु और प्राकृतिक सौंदर्य होने के कारण यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। लक्षद्वीप के बारे में कहा जाता है कि यह भारत की मालदीव के समान है। लक्षद्वीप की जनसंख्या तकरीबन 70,000 से थोड़ी सी ज्यादा है और यहां के लोग मुख्य रूप से मलयालम भाषा बोलते हैं। धर्म दृष्टि से, यहां के लोग मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम हैं। लक्षद्वीप का मुख्य अर्थव्यवसाय शिकारी और मछुआरे करने से जुड़ा है। नारियल के बगीचे और उसके उत्पादों का निर्माण भी यहां के लोगों का आय प्रमुख स्रोत है। लक्षद्वीप के सुंदर समुद्री तट, रंग-बिरंगे रीफ, वातावरणीय सौंदर्य और खास द्वीपीय संस्कृति के कारण यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहां के पानी में स्नोर्कलिंग, डाइविंग, समुद्री कश्मीर, और विभिन्न पानी से संबंधित खेल खेले जा सकते हैं। इसके अलावा, राज्य में नैतिकता और संस्कृति के बीच मिले जुले त्योहार और मेले भी मनाए जाते हैं। लक्षद्वीप एक खूबसूरत स्थान है, जो प्रकृति के आनंद का एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। यहां के स्नोर्कलिंग और डाइविंग का अनुभव दिव्यता का एक नया पहलु होता है, जो यात्रियों को लक्षद्वीप के आकर्षण से प्रभावित करता है।

पांडुचेरी

पांडुचेरी

विशेषता विवरण
स्थान दक्षिणी भारत में
भौगोलिक स्थिति 11.9337° उत्तरी अक्षांश, 79.8297° पूर्वी देशांतर
जनसंख्या लगभग 12 लाख (2021 की अनुमानित जनसंख्या)
क्षेत्रफल 492 वर्ग किलोमीटर
जलवायु तापमान: गर्मी – 30°C से 42°C तक, सर्दी – 18°C से 32°C तक
वर्षा: जुलाई से सितंबर तक मुख्य बरसात, कुछ खास चक्रवाती आंधीयों के साथ
मुख्य भाषा: तमिल और फ्रेंच

पांडिचेरी (Puducherry) केंद्र शासित प्रदेश भारत के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित एक छोटा सा प्रदेश है। यह दक्षिणी भारतीय राज्य पुडुचेरी के नाम से भी प्रसिद्ध है। पांडिचेरी चेन्नई से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर विस्थित है। यह प्रदेश इण्डियन ओशन के पाश्चात्य तट पर आंचलिक रूप से स्थित है। इसका अधिकांश भाग महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम की भूमि के रूप में भी मशहूर है। पांडिचेरी का इतिहास विशेष रूप से फ्रांसीसी और ब्रिटिश शासन के साथ जुड़ा हुआ है। 17वीं सदी में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस स्थान पर आधारित एक स्थायी उपनगरी बनाई। 1954 में भारत स्वतंत्र हुआ और इसके बाद से पांडिचेरी को भारत के एक संघ राज्य के रूप में संगठित किया गया। पांडिचेरी के इलाके में चार प्रमुख भाषाएं बोली जाती हैं: तमिल, मलयालम, तेलुगू, और फ्रेंच। यहां के लोगों की आर्थिक गतिविधियां मुख्य रूप से कृषि, मत्स्य पालन, पर्यटन और शिक्षा से जुड़ी होती हैं। पांडिचेरी के खूबसूरत समुद्र तट, प्राचीन मंदिर, गांधी स्मारक और फ्रांसीसी शैली के भवन इस प्रदेश को पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित बनाते हैं। इस प्रदेश की सरकार मुख्य रूप से राष्ट्रीय संघ के प्रतिनिधि बाल गणधर्व द्वारा चलाई जाती है। राज्य को चिन्हित करने के लिए यहां का लोगो गोलाकार द्वीप को दिखाता है जिसके भीतर से चंद्रमा निकल रहा होता है। पांडिचेरी एक विशेष प्रदेश है जो भारतीय संस्कृति और फ्रांसीसी संस्कृति के मिलने का अनुभव कराता है। यहां के लोग भारतीय त्योहारों और परंपराओं को धार्मिक उत्साह के साथ मनाते हैं और फ्रांसीसी शैली में जीने का भी आनंद लेते हैं। पांडिचेरी वासियों के दिल में भारतीय और फ्रांसीसी संस्कृति के प्रति गहरा आदर है, जो इस प्रदेश को अनूठा और खास बनाता है।

जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर

विशेषता जम्मू और कश्मीर
भौगोलिक स्थान उत्तरी भारत
अक्षांश 33.7782 वर्ग उत्तर
देशांतर 76.5762 वर्ग पूर्व
जनसंख्या लगभग 1.25 करोड़ (2021)*
क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग किलोमीटर
जलवायु शीत जलवायु

जम्मू और कश्मीर, भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है। यह राज्य अपने सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य भारत के कई सर्वोच्च धरोहरों में से कुछ का घर है। जम्मू और कश्मीर के इतिहास में विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और धर्मों के सम्मिलन का प्रतीक देखा जा सकता है। यह राज्य पर्वतीय इलाके में स्थित होने के कारण प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। इसके उच्च पहाड़ियों, घाटियों, घने जंगलों, धारों, झीलों और नदियों की खूबसूरत झीलें यहां के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जम्मू और कश्मीर का प्रमुख भाग दो अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित होता है। जम्मू, राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और यहां की संस्कृति, भाषा और लोकसंगीत में पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों से अलग अनोखीता है। वहीं, कश्मीर घाटी और उसके आस-पास के क्षेत्र राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित हैं। यह इलाका अपने सुंदर नजारों, शानदार वादियों और चिनार के वृक्षों के लिए प्रसिद्ध है। इसके आस-पास आनंदित नदियाँ और सुंदर झीलें विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जम्मू और कश्मीर की आर्थिक गतिविधियों में कृषि, पशुपालन, शिकार और पर्यटन अहम भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, यहां पर सृजनशीलता और शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रगति की गई है। जम्मू और कश्मीर की संस्कृति और लोकसंगीत में उन्होंने अपनी विशेष पहचान बनाई है। यहां के लोग भक्ति संगीत, रूफ, और रौफ़ जैसे प्राचीन संगीत शैलियों का आनंद लेते हैं। इसके साथ ही, राज्य के विभिन्न त्योहारों और मेलों में भाग लेना उनकी परंपरागत धरोहर है। यह थोड़े समय में ही समृद्धि और विकास की ओर बढ़ रहा है और पर्यटकों के बीच इसकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है। जम्मू और कश्मीर का संक्षेप्त परिचय यही है कि यह एक सुंदर और समृद्ध राज्य है, जिसमें संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व का अद्भुत संगम है।

लद्दाख

लद्दाख

विशेषता जानकारी
भूभाग उत्तरी हिमालय
राज्य जम्मू और कश्मीर
भौगोलिक स्थिति बढ़ाई और काराकोरम के बीच
अक्षांश 34.1526 उत्तर
देशांतर 77.5770 पूर्व
कुल क्षेत्रफल लगभग 59,146 वर्ग किलोमीटर्स
जनसंख्या लगभग 2,74,289 (2021 की जनगणना अनुसार)
राजभाषा हिंदी, अंग्रेज़ी, बोडो आदि
सर्वाधिक शहर लेह
धर्म बौद्ध और हिंदू
जलवायु शुष्क और ठंडा

लद्दाख एक प्रसिद्ध पर्वतीय क्षेत्र है जो भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। यह भारतीय राज्य का एक केंद्र शासित प्रदेश है और जम्मू और कश्मीर के एक अलग शासकीय क्षेत्र के रूप में गणना की जाती है। लद्दाख का नाम तिब्बती भाषा में “ला-धाक” से आया है, जिसका अर्थ होता है “बृहद भाग”। यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है और विश्व भर के पर्वत शृंगों, नदियों, झीलों, ग्लेशियरों, और बुद्धिस्ट धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। लद्दाख का इतिहास संस्कृति और बौद्ध धरोहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह तिब्बती बौद्ध धरोहर के कई महत्वपूर्ण स्थलों को घेरता है, जिनमें हमीस गोम्पा, थिकसे गोम्पा, और लेह का गोलूक जैसे चिह्नित स्थान शामिल हैं। यहां का जलवायु शुष्क और ठंडा होता है, जिससे यह एक अलगाववादी तथा प्राकृतिक सौंदर्य से भरी जगह है। वर्ष के कुछ ही महीनों में यहां बर्फबारी होती है, जो इसे एक अनूठे अनुभव के रूप में बनाती है। लद्दाख की स्थानीय जनता भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से विविधता से समृद्ध है। यहां के लोग बुद्धिस्ट और शिया मुस्लिम समुदाय के सदस्य होते हैं और उनकी संस्कृति, भाषा, और रीति-रिवाज संप्रदायवादी होती है। इनका जीवन पद्धति पर्वतीय भूभाग में अनुकूल होता है और उनकी परंपरागत वस्त्रों, शिल्प-कला, और संगीत संस्कृति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दिया जाता है। लद्दाख एक लोकप्रिय पर्वतीय पर्यटन स्थल भी है, जहां पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, और बाइक यात्राएं की जाती हैं। इसके अलावा, लद्दाख के विविध नृत्य और संगीत का आनंद लिया जा सकता है जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। समुद्र तल से उच्चतम और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर लद्दाख अपनी अनूठी पहचान के लिए जाना जाता है, और यह भारतीय पर्वतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निष्कर्ष

भारत की संस्कृति तथा सभ्यता हुआ लोकल भाषा और कला को बचाए रखने के लिए भारत को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है भारत को 28 राज्यों तथा 9 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र की संस्कृति तथा वहां के लोकल कल्चर को बचाए रखना है जिसके कारण भारत अनेकता में एकता की मिसाल कायम करता है या फिर भारत अनेकता में एकता का एक उदाहरण है इस लेख में भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम तथा उनके बारे में पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया गया है जो प्रत्येक व्यक्ति जो भारतीय है उसके लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में जानकारी तथा उनकी भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक होता है और भारत के जितने भी केंद्र शासित प्रदेश हैं वह पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत ही उपयोगी हैं क्योंकि सभी केंद्र शासित प्रदेशों में पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा दिया जाता है जिसके कारण भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है तथा भारत के लिए एक पर्यटन स्थल बने हुए हैं जहां पर भारत सहित पूरे विश्व से लोग भ्रमण के लिए आते हैं

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेश कौन कौन से हैं? 

31 अक्टूबर 2019 के पहले भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेश हुआ करते थे किंतु 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य से धारा 370 हटाने के पश्चात जम्मू कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया है जिसके पश्चात वर्तमान समय में कुल 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं जिसमें अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, दिल्ली, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर हैं लद्दाख और जम्मू कश्मीर हैं।

8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी क्या है?

भारत के 8 केंद्रसाशित प्रदेश और उनकी राजधानी हैं अंडमान व निकोबार द्वीप समूह- पोर्ट ब्लेयर, चंडीगढ़-चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली- दमन, दिल्ली- नई दिल्ली, लक्षद्वीप- कवरत्ती, पांडुचेरी- पांडुचेरी, जम्मू कश्मीर-श्रीनगर ग्रीष्मकालीन, जम्मू शीतकालीन, लद्दाख- लेह है। 

28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश कब बने?

भारत के 28 राज्यों की स्थापना अलग-अलग समय पर हुई है भारत के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश बनने का इतिहास निम्नलिखित है आंध्र प्रदेश 1 अक्टूबर 1953, रुणाचल प्रदेश 20 फरवरी 1987, असम 26 जनवरी 1950, बिहार 26 जनवरी 1950, छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000, गोवा 30 मई 1987, गुजरात 1 मई 1960, हरियाणा 1 नवंबर 1966, हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी 1971, झारखंड 15 नवंबर 2000, कर्नाटक 1 नवंबर 1956, केरल 1 नवंबर 1956, मध्य प्रदेश 1 नवंबर 1956, महाराष्ट्र 1 मई, 1960, मणिपुर 21 जनवरी 1972, मेघालय 21 जनवरी 1972, मिजोरम 20 फरवरी 1987, नागालैंड 1 दिसंबर 1963, ओडिशा 1 अप्रैल 1936, पंजाब 1 नवंबर 1966, राजस्थान 1 नवंबर 1956, सिक्किम 16 मई 1975, तमिलनाडु 26 जनवरी 1950, तेलंगाना 2 जून 2014, त्रिपुरा 21 जनवरी 1972, उत्तराखंड 9 नवंबर 2000, उत्तर प्रदेश 26 जनवरी 1950, पश्चिम बंगाल 1 नवंबर 1956 तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली 9 मई 1905, छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 1966, पुडुचेरी 1 नवंबर 1954, दादरा और नगर हवेली 11 अगस्त 1961, दमन और दीव 26 जनवरी 2020, लक्षद्वीप 1 नवंबर 1956, अंडमान और निकोबार 1 नवंबर 1956, लद्दाख और जम्मू कश्मीर का गठन 31 अक्टूबर 2019 को धारा 370 को हटाने के पश्चात किया गया है।

9 केंद्र शासित प्रदेश कौन सा है?

भारत के 9 केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, दिल्ली, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर हैं, लद्दाख और जम्मू कश्मीर को 2019 के संविधान संशोधन धारा 370 खत्म करने के पश्चात जम्मू और कश्मीर राज्य को हटाकर जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं।

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