कंप्यूटर क्या हैं तथा कंप्यूटर की विशेषताएं जाने हिंदी में!

कंप्यूटर की विशेषताएं

कंप्यूटर हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है, आधुनिक समय में बिना कंप्यूटर के हमारा जीवन असंभव हो गया है, क्योंकि बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के कारण प्रत्येक चीज कंप्यूटर पर निर्भर हो गई है। टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए यदि हम किसी भी कार्य को करना चाहते हैं, तो उसमें कंप्यूटर इंवॉल्व होता है, अर्थात किसी भी कार्य को हम बिना कंप्यूटर के सहायता से नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार कंप्यूटर ने हमें विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां दिलाई हैं वहीं कुछ क्षेत्रों में कंप्यूटर के आ जाने के कारण नुकसान भी हुए हैं। किंतु जितना हमें कंप्यूटर के आने से फायदा हुआ है, उससे बहुत ही कम जिसे हम नगण्य मान सकते हैं की मात्रा में नुकसान हुआ है। कंप्यूटर ने हमारी जिंदगी को आसान कर दी है तथा कंप्यूटर के द्वारा ही आज के समय में हमें सारी सुख सुविधाएं प्राप्त हो पा रहे हैं। यदि हम अपने जीवन से कंप्यूटर को हटा देते हैं, तो हमारे जीवन में रहने वाली सभी सुख सुविधाएं कंप्यूटर के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। इसलिए आधुनिक समाज तथा जीवन के लिए कंप्यूटर बहुत अधिक मायने रखता है। 

कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो यूज़र द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन को कोड करके मशीन को कार्य करने का आदेश देती है तथा मशीन द्वारा किए गए कार्य को पुनः यूजर की भाषा में डी कोड करके प्रस्तुत करती है। इस प्रकार कंप्यूटर इनपुट प्रोसेसिंग तथा आउटपुट के सिस्टम पर कार्य करता है, जो यूजर्स के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है। कंप्यूटर में विश्व की लगभग किसे भी भाषा मैं काम किया जा सकता है, इसलिए आधुनिक समय में कंप्यूटर को सुपर पावर माना जाता है। कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है, उन्होंने पहले कंप्यूटर के रूप में Abacus तैयार किया था जिसे हिंदी में संगणक कहा जाता था, इसका प्रयोग गणना करने तथा विभिन्न प्रकार की गणना में प्रयोग करने के लिए तैयार किया था प्रथम पूर्ण रूप से इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बनाया गया था, जिसे उसने सेना के प्रयोग के लिए तैयार किया था यह पूर्ण रूप से प्रोग्राम किया हुआ पहला कंप्यूटर डिवाइस था जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तैयार किया गया था।

कंप्यूटर (Computer) क्या है ?

“कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यूजर द्वारा इनपुट किए डेटा को गए प्रोसेसिंग करके रिजल्ट के रूप में सूचनाओं को आउटपुट के रूप प्रदान करता है उसे कंप्यूटर कहते हैं।”

कंप्यूटर

Computer शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के Comput शब्द से हुई है जिस का हिंदी अर्थ होता है, गणना करना इसलिए हिंदी में कंप्यूटर को संगणक भी कहते हैं। आधुनिक समय में कंप्यूटर से हम दैनिक जीवन से लेकर के प्रोफेशनल तथा प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं, हमारे दैनिक जीवन के क्रियाकलाप तथा दैनिक दिनचर्या कंप्यूटर पर निर्भर हो गई है। सुबह जैसे ही हमारी आंख खुलती है हमारी नजर किसी डिजिटल घड़ी मोबाइल पर जाती है जो एक प्रकार का कंप्यूटर होता है और वहीं से हमारी दिनचर्या कंप्यूटर से प्रारंभ होकर पूरे दिन विभिन्न कार्यों को करने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग करते हुए रात को जब हम सोते हैं, तो मोबाइल का प्रयोग करते हुए सो जाते हैं जो एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर ही होता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारी पूरी दिनचर्या तथा जिंदगी कंप्यूटर पर निर्भर हो गई है और कंप्यूटर के बिना हमारी जिंदगी में कुछ भी संभव नहीं है, इसलिए कंप्यूटर हमारे जीवन के लिए एक अहम भूमिका निभाता है जिससे हमारा जीवन सरल सुखद तथा सफल बनता है। यदि हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी जिंदगी बिना कंप्यूटर के आगे नहीं बढ़ सकती है इसलिए आधुनिक युग को कंप्यूटर का युग आया मशीनरी के नाम से भी जाना जाता है।

कंप्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर को उनके कार्य तथा आकार के हिसाब से अलग-अलग तरीके से विभाजित किया गया है, प्राथमिक स्तर पर कंप्यूटर को उनके साइज के हिसाब से विभाजित किया गया था उसके पश्चात कंप्यूटर का विभाजन कंप्यूटर  के कार्य करने की क्षमता के अनुसार किया गया है। प्राचीन काल में जब कंप्यूटर का निर्माण हुआ था तब कंप्यूटर बहुत बड़ा हुआ करता था एक कंप्यूटर लगभग एक कमरे के बराबर हुआ करता था और उसमें विभिन्न प्रकार के अलग-अलग हिस्सों का प्रयोग किया जाता था, किंतु समय के साथ-साथ यह कंप्यूटर छोटा होने लगा और बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के कारण आधुनिक समय में कंप्यूटर हमारी हथेली में आ गया है। यही कारण है कि कंप्यूटर को दो तरीके से विभाजित किया गया है प्रथम स्तर में कंप्यूटर को उसके आकार तथा साइज के हिसाब से विभाजित किया गया है तथा द्वितीय स्तर में कंप्यूटर को उसके कार्य करने की क्षमता के हिसाब से विभाजित किया गया है तथा स्तर पर जो कंप्यूटर तैयार किए गए थे। वह एनालॉग सिस्टम से चलते थे और फिर धीरे-धीरे कंप्यूटर का विकास हुआ तो कंप्यूटर एनालॉग और डिजिटल की मिश्रित प्रणाली द्वारा चलने लगे और उसके पश्चात कंप्यूटर में पूरी तरह से डिजिटल रूप ले लिया इस प्रकार कंप्यूटर की पीढ़ी दर पीढ़ी विकास की कहानी विभिन्न हिस्सों में विभाजित किया गया है, प्राथमिक स्तर पर कंप्यूटर को तीन भागों में विभाजित किया जाता है।

कार्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

  • एनालॉग कंप्यूटर।
  • हाइब्रिड कंप्यूटर। 
  • डिजिटल कंप्यूटर।

प्रोसेसर के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार 

  • माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
  • मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
  • मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
  • सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)

कंप्यूटर का पूरा नाम

कंप्यूटर कैसे एक मशीन का नाम नहीं होता है यह मशीन विभिन्न छोटे-छोटे पार्ट से बनी होती है जिसे मिलाकर कंप्यूटर कहा जाता है। कंप्यूटर को एक ऐसी मशीन बताया गया है जो एजुकेशन तथा रिसर्च में सहयोग करती है जिसके आधार पर इसे कंप्यूटर नाम दिया गया है। कंप्यूटर के सभी वर्णों की अलग-अलग मतलब निम्नलिखित है

C – Commonly

O – Operating

M – Machine

P – Particularly

U – Used in

T – Technology

E – Education and

R – Research

जिसे सामान्य भाषा में एजुकेशन तथा टेक्नोलॉजी के रिसर्च में प्रयोग की जाने वाली एक मुख्य ऑपरेटिंग मशीन हो कंप्यूटर कहा जाता है। 

कंप्यूटर के मुख्य अंग

जिस प्रकार आपको बताया गया है कि कंप्यूटर इनपुट, प्रोसेसिंग तथा आउटपुट के सिस्टम पर आधारित एक मशीन होती है, जो यूजर द्वारा दिए गए निर्देश को अपने एल्गोरिदम के द्वारा प्रोसेसिंग करती है और रिजल्ट के रूप में आउटपुट प्रदान करती है, किंतु यह कार्य कंप्यूटर के किसी एक पार्ट द्वारा नहीं किया जा सकता है। इसको करने के लिए इनपुट डिवाइस जिससे यूजर कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है।

कंप्यूटर के मुख्य अंग

प्रोसेसिंग डिवाइस जहां पर कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए इनपुट का एनालिसिस करके रिजल्ट तैयार करता है तथा आउटपुट डिवाइस जहां पर कंप्यूटर द्वारा तैयार किए गए रिजल्ट को दिखाया जाता है। यह मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित होता है जिसे इनपुट प्रोसेसिंग तथा आउटपुट के नाम से जानते हैं इनपुट प्रोसेस इन तथा आउटपुट के लिए निम्नलिखित कंप्यूटर डिवाइस ओं का प्रयोग किया जाता है।

  • कीबोर्ड 
  • माउस
  • सीपीयू
  • मॉनिटर
  • प्रिंटर 
  • स्पीकर

इन सभी डिवाइसों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है।

इनपुट डिवाइस

जिन डिवाइस के द्वारा यूजर कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देता है जिसे हम इनपुट कहते हैं इनपुट देने के लिए कीबोर्ड तथा माउस का प्रयोग किया जाता है।

प्रोसेसिंग डिवाइस

प्रोसेसिंग डिवाइस को सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सीपीयू का आ जाता है जहां पर कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन द्वारा रिजल्ट तैयार करता है और आउटपुट डिवाइस को भेजने का कार्य करता है।

आउटपुट डिवाइस

और को डिवाइस द्वारा यूजर द्वारा दिए गए स्टेशन से कंप्यूटर प्रोसेसिंग करके एक रिजल्ट तैयार करता है जिसे आउटपुट डिवाइस के माध्यम से यूजर के सामने रिजल्ट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, इसके लिए मॉनिटर तो था प्रिंटर स्पीकर आदि डिवाइसे कार्य में लाई जाती हैं।

कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer)

आधुनिक कंप्यूटर विशेषताओं से भरा हुआ है, क्योंकि कंप्यूटर में है मानव द्वारा किए गए सभी कार्यों को अपने बस में कर लिया है जो भी कार्य पहले आदमी अपने हाथों से करता था आज कंप्यूटरीकृत मशीनों द्वारा किया जाने लगा है। आधुनिक समय में कंप्यूटर के बढ़ते टेक्नोलॉजी के कारण कंप्यूटर ने अपनी सुपर पावर प्राप्त कर लिए जिसके द्वारा घंटों का काम सेकेंडों में कर दिया जाता है यही कारण है कि आधुनिक समय पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत होता जा रहा है। कंप्यूटर की निम्नलिखित विशेषताएं हैं

  • गति (Speed)।
  • शुद्धता (Accuracy)
  • परिश्रमी (Diligence)
  • बहुप्रतिभा (Versatility)
  • स्वचालित (Automation)
  • संप्रेषण (Communication)
  • भंडारण क्षमता (Storage Capacity)
  • विश्वसनीय (Reliability)
  • प्रकृति का दोस्त (Nature Friendly)
  • Efficiency (कार्य-कुशलता)
  • Secrecy (गोपनीयता)
  • Quick Decision (त्वरित निर्णय)
  • Remembrance Power (स्मरण शक्ति)
  • Multitasking (बहु-कार्यण)

गति (Speed)

कंप्यूटर के प्रयोग से पहले किसी भी कार्य को शुद्धता से करने के लिए बहुत अधिक लंबे समय की आवश्यकता होते थे और लंबे समय तक कार्य करने के पश्चात जो रिजल्ट प्राप्त होता है, उसमें भी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती है। इसलिए कंप्यूटर का हमारे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा जैसे ही हमने कंप्यूटर के साथ कार्य करना प्रारंभ किया हमारे कार्य करने की क्षमता सैकड़ों गुना पढ़ते ही कुछ क्षेत्रों में घंटों के काम कुछ माइक्रोसेकंड में होने लगे। इस प्रकार कंप्यूटर में हमारे कार्य करने की क्षमता तथा कार्य करने की गति को बहुत ही तेजी से इंक्रीज किया है। किसी भी कार्य को तेजी से करने के लिए हम दिन मशीनों का प्रयोग करते हैं, उनका ऑपरेशन कंप्यूटर द्वारा किया जाता है तथा आधुनिक समय में बनी प्रत्येक मशीन कंप्यूटर बेस्ड होती है, जिसके कारण वह हमारे काम करने की स्पीड को बढ़ा देती है, जिससे हमारी प्रोडक्टिविटी कई गुना अधिक हो जाती है। इसलिए कंप्यूटर ने हमारे काम करने की क्षमता को तथा स्पीड को प्रभावित किया है। कंप्यूटर के गति संबंधी निम्नलिखित तथ्य हैं

  • कंप्यूटर बहुत तेज कार्य करता है।
  • कंप्यूटर लाखों निर्देश को एक साथ पालन कर सकता है तथा रिजल्ट दे सकता है।
  • कंप्यूटर द्वारा डाटा को एनालाइज करने के लिए लगे समय को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं जो 1 सेकंड का 6 से 12वां हिस्सा होता है।
  • सामान्य तौर पर एक प्रोसेसर की गति 1000000 निर्देश प्रति सेकेंड की होती है।
  • कंप्यूटर द्वारा 1 घंटे में किए गए कार्य को मानव द्वारा करने पर 10 साल लग जाते हैं।

शुद्धता (Accuracy)

कंप्यूटर द्वारा किए गए सभी कार्यों की शुद्धता 99.99% होती है यदि यूज़र द्वारा दिए गए सभी निर्देश सही होते हैं, तो कंप्यूटर द्वारा कोई भी गलती नहीं की जाती है। कंप्यूटर द्वारा यूजर के दिए गए निर्देश के अनुसार बिल्कुल शुद्ध रिजल्ट तैयार किया जाता है। इसलिए कंप्यूटर में आधुनिक जीवन में क्रांति लाई है, क्योंकि जो कार्य में शुद्धता पूर्वक करने में बहुत अधिक समय लगता था फिर भी उन कार्यों में 100% शुद्धता नहीं होती थी उसे शुद्ध करने के लिए कई बाहर उसी प्रोसेस को रिचेक किया जाता था, उसके पश्चात ही शुद्धता की गारंटी ली जा सकती थी, किंतु आधुनिक समय में कंप्यूटर ने इन सभी कार्यों को बड़ा आसान बना दिया है। कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य में लगभग 100% शुद्धता होती है। यदि कोई गलती होती भी है तो वह यूजर द्वारा दिए गए इनपुट मे गलती या किसी तकनीकी खराबी के कारण होती है, इसलिए कंप्यूटर के आने से हमारे जीवन में होने वाले प्रत्येक कार्य तेजी से तथा शुद्धता के साथ होने लगे इसलिए कंप्यूटर ने हमारे जीवन की रफ्तार तथा शुद्धता को बढ़ा दिया है।

  • कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य की शुद्धता लगभग 99.99% से भी अधिक शुद्ध होता है।
  • कंप्यूटर द्वारा किया गया कार्य एक विशेष सिद्धांत पर होता है जिसे GIGO (Garbage in Garbage Out) कहते हैं।
  • कंप्यूटर द्वारा किए गए सभी कार्य लगभग बिना त्रुटि के होते हैं और यदि किसी कार्य में त्रुटि होती है तो वह यूजर के निर्देश की त्रुटि के कारण होती है। 
  • मानव द्वारा किए गए कार्य तथा कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य की शुद्धता मे बहुत बड़ा अंतर होता है।

परिश्रमी (Diligence)

कंप्यूटर एक मशीन है इसलिए यह बिना थके और बिना आराम किए लगातार कई कई सालों तथा महीनों तक कार्य कर सकता है। कंप्यूटर इतना अधिक परिश्रमी होता है कि यदि इस को निर्देश दे दिया जाता है, तो यह अपना कार्य समाप्त करने के पश्चात ही रुकता है या फिर जब तक इसे रोका नहीं जाता है। यह कार्य को बंद नहीं करता है और यदि इसे लगातार निर्देश दिए जाते हैं, तो यह लगातार कार्य करता रहता है। इसलिए कंप्यूटर को बहुत अधिक परिश्रमी माना जाता है। कोई भी व्यक्ति जब लगातार कार्य करता है, तो उसे उस कार्य को करने में थकान तथा बोरियत महसूस होने लगती है और उसे समय-समय पर चाय नाश्ता तथा खाने की आवश्यकता होती है, किंतु कंप्यूटर को किसी भी कार्य को करने में थकान तथा बोरियत नहीं महसूस होती है। वह केवल निर्देशानुसार कार्य करता है और उसे लगातार काम करने के लिए केवल ऊर्जा अर्थात इलेक्ट्रॉनिक की आवश्यकता होती है। 

  • कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो कभी थकती नहीं है।
  • कंप्यूटर सबसे अधिक परिश्रमी मशीन होती है।
  • कंप्यूटर बिना रुके थके तथा बोरियत महसूस किए अपने कार्य को शुद्धता पूर्वक एक ही स्पीड में लगातार कर सकता है।
  • यूज़र द्वारा दिए गए पहले कार्य के निर्देश तथा अंतिम कार्य के निर्देश में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं होता है या जिस ट्रक से पहले कार्य को करता है उसी गति और शुद्धता के साथ अंतिम कार्य को भी करता है।

बहुप्रतिभा (Versatility)

कंप्यूटर एक प्रतिभाशाली मशीन है जो एक ही मशीन द्वारा बहुत सारे कार्य एक साथ कर सकता है, इसलिए इसमें बहुत अधिक Versatility देखने को मिलती है  वर्सेटाइल होने के कारण कंप्यूटर को मल्टीटैलेंटेड मशीन कहा जाता है, जो एक ही समय में यूजर द्वारा दिए गए विभिन्न अलग-अलग कार्य के निर्देशों को एक साथ प्रोसेसिंग करते हुए रिजल्ट दे सकता है। किंतु मानव में ऐसा नहीं होता है कोई भी एक व्यक्ति एक समय में एक ही कार्य कर सकता है, और एक व्यक्ति एक प्रकार का कार्य ही कर सकता है। किंतु कंप्यूटर एक समय में कई प्रकार के डाटा का एनालिसिस कर सकता है और एक ही समय में सभी प्रकार के कार्य केरिजल्ट्स भी प्रदान कर सकता है। इसलिए कंप्यूटर को वर्सेटाइल अर्थात बहुप्रतिभाशाली मशीन माना जाता है। कंप्यूटर के Versatility के कारण ही इसे एक कंप्यूटर को मल्टीपरपज कंप्यूटर तथा मल्टीपरपज कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। 

  • कंप्यूटर एक मल्टीपरपज मशीन है जो कई कार्यो को एक साथ कर सकती हैं।
  • कंप्यूटर को एक साथ 1000000 निर्देश प्रति सेकंड किए जा सकते हैं और वह पर कार्य कर सकता है।
  • गणना तथा मापन के अलावा यह आधुनिक समय में कई प्रोडक्टिविटी के कार्य एक साथ कर सकता है।
  • इसके द्वारा सर्विस प्रोडक्टिविटी तथा डाटा एनालिसिस के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार के कार्य एक साथ किए जा सकते हैं।

स्वचालित (Automation)

कंप्यूटर एक ऑटोमेटिक मशीन है जिसे एक बार निर्देश देने के पश्चात इससे बार-बार निर्देश देने या कार्य करने या कार्य को समाप्त करने के लिए नहीं कहना पड़ता है। कंप्यूटर द्वारा तैयार की गई सभी मशीनें ऑटोमेटिक होती हैं जिससे कार्य को करने में बड़ी आसानी होती है। इसलिए एक ही समय में एक व्यक्ति द्वारा कई अलग-अलग मशीनों को निर्देश देकर ऑपरेट किया जा सकता है क्योंकि कंप्यूटर को यदि सॉफ्टवेयर के माध्यम से कोडिंग करके निर्देश फीड कर दिया जाता है तो केवल बटन दबाने पर भी कंप्यूटर अपने आप सारे कार्य करने लगता है कंप्यूटर को आधुनिक समय में इतना एडवांस बना दिया गया है, कि वाह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी कार्य करता है, जिसके कारण वह सेंसर द्वारा कार्य तथा चीजों का अनुभव करता है और ऑटोमेटिक वर्क करने लगता है। इसलिए आधुनिक कंप्यूटर की सबसे बड़ी होगी ऑटोमेटिक संचालन है जो मैन पावर को बहुत ही कम कर देती है। कोई भी एक व्यक्ति विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर मशीनों को ऑपरेट कर सकता है जिससे कार्य करना बहुत आसान हो जाता है।

  • कंप्यूटर एक प्रकार की ऑटो ऑपरेटेड मशीन है जो सिंगल निर्देश के पश्चात लगातार कार्य करती रहती है। 
  • कंप्यूटर मे यदि प्रोग्रामिंग की जाती है तो यह बिना इंसान के हस्तक्षेप किए हुए लगातार कई कार्यों को कर सकता है।
  • आधुनिक कंप्यूटर का ऑटोमेटिक ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत बड़ी खूबी माना जाता है।
  • ऑटोमेटिक ऑपरेटिंग सिस्टम के कारण इस ने इंसान के कार्य को और भी आसान बना दिया है।

संप्रेषण (Communication)

आधुनिक टेक्नोलॉजी ने यह क्षमता निजात कर ली है, कि एक मशीन दूसरे मशीन से कंप्यूटर के माध्यम से बात कर सकते हैं, अर्थात एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में बात भी करते हैं और एक दूसरे द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कार्य करते हैं। कंप्यूटर सिस्टम की इस प्रणाली या टेक्नोलॉजी को कम्युनिकेशन कहा जाता है। आधुनिक समय में बहुत सारे कंप्यूटर से बनाए गए हैं जो इंसान से भी बात करते हैं और इंसान द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देते हैं। इसलिए कंप्यूटर हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है जिसके कारण हम लाखों-करोड़ों किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति से एक सेकंड में बात कर लेते हैं, अर्थात यह कंप्यूटर के माध्यम से ही विकसित हो पाया है और संभव हो पाया है। आधुनिक कंप्यूटर ने कंप्यूटर से कंप्यूटर तथा कंप्यूटर से इंसान द्वारा बात करने की तकनीकी का विकास कर लिया है, जिसके कारण आधुनिक समय में कंप्यूटर को एक बार निर्देश देने के पश्चात हुआ बहुत सारे कंप्यूटर को निर्देश दे सकता है, तथा एक कंप्यूटर के माध्यम से बहुत सारे कंप्यूटर चलाए जा सकते हैं। इस तकनीक का प्रयोग करते हुए आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर रोबोट बनाए गए हैं जो एक दूसरे से कम्युनिकेशन करते हुए सारे कार्य कर सकते हैं।

  • एक कंप्यूटर मशीन दूसरे कंप्यूटर मशीन से बात कर सकती है।
  • एक कंप्यूटर मशीन दूसरे कंप्यूटर मशीन को अपना डाटा तथा अन्य जानकारी ट्रांसफर कर सकती है।
  • कम्युनिकेशन द्वारा एक कंप्यूटर मशीन दूसरी कंप्यूटर मशीन को निर्देश दे सकती है।
  • एक कंप्यूटर मशीन एक इंसान द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे सकती है।
  • आधुनिक समय में बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण इंटेलिजेंस आर्टिफिशियल का प्रयोग करते हुए कंप्यूटर ने इंसान के अंदर की भावनाओं को जानना शुरू कर दिया है।

भंडारण क्षमता (Storage Capacity)

प्राचीन कंप्यूटर में किसी प्रकार के डाटा  को सुरक्षित करने की कोई तकनीकी उपलब्ध नहीं थी जिसके कारण हम रियल टाइम पर ही कार्य कर सकते थे, किसी भी डाटा को एकत्रित करने के लिए हमें एक स्टोरेज की आवश्यकता होती है। किंतु आधुनिक कंप्यूटर में आप कितने भी बड़े डाटा को बड़े आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं, क्योंकि आधुनिक कंप्यूटर की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है, जिसके कारण इसकी स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ गई है। आज के समय में किसी भी डाटा को और कितने भी बड़े डाटा को बड़े आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है, प्राचीन काल में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए हार्ड कॉपी का सहारा लिया जाता था क्योंकि डाटा बहुत बड़ी मात्रा में होने के कारण कंप्यूटर में सुरक्षित नहीं रह पाता था। किंतु आधुनिक समय में टेराबाइट और गीगाबाइट से बड़े डाटा को बड़ी आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। एक छोटे से छोटे कंप्यूटर में भी 500 से 1000 जीबी डाटा को बड़ी आसानी से सुरक्षित रखा जाता है, इसके अलावा यह संख्या बढ़कर लाखों तथा करोड़ों गीगाबाइट तथा टेराबाइट में परिवर्तित की जा सकती है। इसलिए आधुनिक समय में कंप्यूटर की बढ़ती कैपेसिटी के कारण डाटा को सुरक्षित रखना बहुत ही आसान हो गया है

  • कंप्यूटर में एक मेमोरी होती है जिसका प्रयोग डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है
  • कंप्यूटर को निर्देश देने वाले कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस करने वाले तथा आउटपुट के रूप में रिजल्ट देने वाले सभी प्रकार के डाटा को अलग-अलग सुरक्षित किया जा सकता है।
  • डाटा को सुरक्षित रखने के कारण कंप्यूटर को निर्देश देने में प्रयोग किया गया डाटा को बार-बार निर्देशित नहीं करना पड़ता है जिसके कारण समय तथा मैन पावर की बचत होती है।
  • कंप्यूटर में इनपुट आउटपुट तथा प्रोसेसिंग डाटा के अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के एक्सटर्नल डाटा को भी एकत्रित करके रखा जा सकता है जो आपके डाटा को सुरक्षित रखता है।

विश्वसनीय (Reliability)

कंप्यूटर द्वारा किया गया कोई भी कार्य बहुत अधिक विश्वसनीय होता है जिसके कारण कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य की क्वालिटी जांच करना जरूरी नहीं होता है, फिर भी यदि आप किसी प्रोडक्शन में कंप्यूटर द्वारा कार्य कर रहे हैं, तो जिस प्रकार पहले काम करने के पश्चात उस प्रोडक्ट की क्वालिटी जांच तीन से चार स्तरों में की जाती थी। आधुनिक समय में इसकी आवश्यकता नहीं है केवल एक बार मैनुअल क्वालिटी चेक करना पर्याप्त होता है, क्योंकि कंप्यूटर एक निर्देश पर विश्वसनीय कार्य करता है, इसके द्वारा किए गए कार्य में त्रुटि असंभव है। यदि कोई त्रुटि होती भी है तो वह यूज़र द्वारा गलत इनपुट के कारण हो सकती है। इसलिए लोगों को कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य पर बहुत अधिक भरोसा होता है। इसलिए आधुनिक समय में कंप्यूटर को सबसे भरोसेमंद माना जाता है।

  • किसी भी क्षेत्र में काम करने के लिए कंप्यूटर एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन है।
  • इसके द्वारा किया गया कार्य मानव द्वारा किया गया कार्य से अधिक विश्वसनीय होता है।
  • कंप्यूटर के फेलियर होने के चांसेस बहुत कम होते हैं।
  • कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य में 100% शुद्धता तथा विश्वसनीयता होती है।

प्रकृति का दोस्त (Nature Friendly)

सामान्य रूप से कंप्यूटर को प्राकृति  का दोस्त माना जाता है क्योंकि कंप्यूटर के आने से विभिन्न प्रकार के मशीनों द्वारा होने वाले कार्य कंप्यूटर द्वारा होने लगे हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के प्रदूषण नहीं होते हैं। कंप्यूटर का प्रयोग करने से कागज का प्रयोग होना बंद हो गया क्योंकि जिन बड़ी-बड़ी फाइलों को रखने के लिए कागज का प्रयोग किया जाता था तथा जिन सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए बहुत अधिक कागज प्रयोग में लाया जाता था। आज उनको कंप्यूटर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सुरक्षित तथा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है, जिसमें किसी भी प्रकार के कोई भी कागज की आवश्यकता नहीं होती है, जिसके कारण कागज के प्रयोग में भारी कमी आई है, जो पेड़ों की कटाई पर प्रभाव डाल रही है। कागज के कम खपत होने के कारण पेड़ों की कटाई बंद हो गई है, जिसके कारण कंप्यूटर को प्राकृतिक रूप से प्रकृति का दोस्त माना जाता है। 

  • कंप्यूटर अपना काम करने के लिए किसी प्रकार के कागज का प्रयोग नहीं करता है।
  • कंप्यूटर सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कागज का प्रयोग नहीं करता है।
  • कंप्यूटर अपने पास डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कागज का प्रयोग नहीं करता है। 

Efficiency (कार्य-कुशलता)

कंप्यूटर अपना कोई भी कार्य पड़ी कार्य कुशलता के साथ करता है उसको एक साथ सैकड़ों या हजारों निर्देश दिए जाएं फिर वही वह उन सभी का पालन करता है और शुद्धता तथा स्पीड को बनाए रखते हुए कार्य को लगातार करता रहता है। कंप्यूटर की कार्यकुशलता कंप्यूटर की सीपीयू जिसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के नाम से जाना जाता है इस पर निर्भर करती है। यदि कंप्यूटर किस सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट उच्च क्वालिटी की है, तो आप उसे कितने भी निर्देश दे सकते हैं। वह उन पर लगातार काम करता रहता है। कंप्यूटर आपके द्वारा दिए गए प्रथम निर्देश को जिस प्रकार से शुद्धता तथा स्पीड से करता है। लगातार कार्य करने के पश्चात लाखों निर्देश का पालन करते हुए अंतिम निर्देश जब आप उसे देते हैं तब भी आपको बहुत ही स्पीड तथा उसी शुद्धता के साथ कार्य करके देता है, इसलिए कंप्यूटर को कार्य कुशलता से कार्य करने के लिए बहुत ही अच्छा मशीन माना जाता है इसकी एफिशिएंसी हमेशा बनी रहती है।

Secrecy (गोपनीयता)

कंप्यूटर अपनी तथा यूजर के सिक्रेसी को कभी ओपन नहीं करता है, यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए हमेशा सीक्रेट रूप से ही कार्य करता है। जब तक कंप्यूटर को किसी सीक्रेट को ओपन करने  का निर्देश नहीं दिया जाता है तब तक कंप्यूटर किसी यूज़र तथा अपनी सीक्रेसी ओपन नहीं करता है। इसलिए गोपनीयता की दृष्टि से कंप्यूटर दोहे उपयोगी मशीन है। यह यूजर के निर्देश देने के पश्चात भी जब तक वेरिफिकेशन नहीं करता है तब तक किसी भी प्रकार के पासवर्ड या सीक्रेट को ओपन नहीं करता है।

Quick Decision (त्वरित निर्णय)

कंप्यूटर किसी भी प्रकार के निर्णय को लेने के लिए बहुत ही सक्षम माना जाता है, तथा कुछ नैना सेकेंड के अंदर एक कंप्यूटर तब तक निर्णय को लेने में सक्षम होता है। यदि किसी प्रकार का कमांड देते हैं तो कंप्यूटर उस कमांड पर तुरंत कार्य करने तथा निर्णय लेने के लिए बना होता है, आपके द्वारा दी गई कमांड के माध्यम से कंप्यूटर तुरंत प्रोसेसिंग करके आउटपुट के रूप में आपको रिजल्ट प्रदान करता है यह कार्य कुछ नया 9 सेकंड के अंदर ही होता है। इसलिए कंप्यूटर को क्विक डिसीजन मेकर कहा जाता है। कंप्यूटर के शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता के कारण इसकी स्पीड बहुत अधिक होती है तथा इसके कार्य करने मैं शुद्धता लगभग 100% होती है।

Remembrance Power (स्मरण शक्ति)

कंप्यूटर के समर्थक बहुत अधिक होती है यह किसी भी फाइल को या डाटा को सुरक्षित करने के पश्चात उसे तुरंत खोजने में सक्षम होता है। कंप्यूटर की रिमेंबर पावर के वजह से जैसे हम किसी भी फाइल को कीबोर्ड द्वारा टाइप करते हैं वह फाइल तुरंत हमारे सामने दिखाई देती है। इसलिए कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को सुरक्षित रखना तथा उसे खोजना बहुत ही आसान माना जाता है। कंप्यूटर के सबसे अच्छे होने के कारण इसे किसी भी प्रकार के कमांड या कोड को बार-बार बताने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि अपने एक बार कमांड दी है तो कंप्यूटर उसी कमांड पर ऑटोमेटिक चलता रहता है तथा उससे संबंधित मशीन ऑटोमेटिक चलती रहती है। 

Multitasking (बहु-कार्यण)

कंप्यूटर एक मल्टीटास्किंग मशीन है, जो एक समय में मल्टीपरपज कार्यों के लिए प्रयोग की जाती है। कंप्यूटर को आप एक ही समय में विभिन्न कार्य को करने के निर्देश दे सकते हैं, तथा कंप्यूटर सभी कार्यों को एक साथ प्रोसेस कर सकता है तथा उनके रिजल्ट अलग-अलग देने में सक्षम होता है। इसलिए कंप्यूटर को मल्टीटास्किंग कार्यों में भी प्रयोग किया जाता है जिससे एक ही समय में कई प्रकार के अलग-अलग कार्य किए जा सकते हैं। 

यह भी पढ़ें: बैंक अकाउंट कैसे खोलते है | बैंक में खाता खोलने के लिए आवश्यक जानकारी

निष्कर्ष

आधुनिक समय में कंप्यूटर हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग माना जाता है बिना कंप्यूटर के सहायता से हम अपने किसी भी कार्य को नहीं कर सकते हैं तथा दैनिक जीवन में किसी ना किसी प्रकार से हमारी कंप्यूटर सहायता करता है। आधुनिक समय में प्रयोग होने वाले मोबाइल से लेकर बड़ी-बड़ी मशीनों में कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है तथा कंप्यूटर प्रत्येक क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसलिए कंप्यूटर की बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण आधुनिक समय में प्रत्येक काम को करना आसान तथा प्रोडक्टिव हो गया है। कंप्यूटर द्वारा किसी भी कार्य को एक निश्चित गति से लगभग 100% शुद्धता के साथ किया जा सकता है। इसलिए कंप्यूटर ने हमारे जीवन को आसान कर दिया है कंप्यूटर की विशेषताओं के कारण भी कंप्यूटर को सुपर पावर माना जाता है। आधुनिक समय में कंप्यूटर जी हमारी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम माना जाता है। 

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

कंप्यूटर की विशेषताएं क्या हैं?

आधुनिक समय में कंप्यूटर अपने विशेषताओं के कारण सुपर पावर बनता जा रहा है। कंप्यूटर के दैनिक प्रयोग से होने वाले कार्यो के कारण हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ती जा रही है। कंप्यूटर की मुख्य विशेषताओं में कंप्यूटर की गति कार्य करने की क्षमता कार्यकुशलता मल्टिप्रोसेसिंग के साथ-साथ एकुरैशी तथा प्राइवेसी शामिल है।

कंप्यूटर की पांच विशेषताएं क्या हैं?

कंप्यूटर के पांच विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  • शुद्धता (Accuracy)
  • परिश्रमी (Diligence)
  • बहुप्रतिभा (Versatility)
  • स्वचालित (Automation)
  • संप्रेषण (Communication)

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