सभी उच्च प्रकार के रुद्राक्ष में से सात मुखी रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से बहुत ही उपयोगी तथा कार्य सिद्ध करने वाला होता है। इसलिए सात मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 7 Mukhi Rudraksha Benefits प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको असली सात मुखी रुद्राक्ष की खोज करनी होती है तथा उसके पश्चात उसे शुद्ध करके धारण करने की विधि के अनुसार धारण किया जाता है। सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे सामान्य रूप से सभी को प्राप्त होते हैं किंतु जिन व्यक्तियों के जीवन में शनि का प्रभाव होता है, जिसके कारण उनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का चक्र चलता रहता है। ऐसे व्यक्तियों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए जिससे उन्हें 7 mukhi rudraksha benefits प्राप्त हो सके और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सके और अपने जीवन को खुशहाली पूर्वक व्यतीत कर सकें। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव का एक अंश होता है, जो प्राचीन काल से पृथ्वी पर उपलब्ध है, जिससे विभिन्न प्रकार के समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
7 मुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha)
पृथ्वी पर उपस्थित सभी रुद्राक्ष की तरह ही सात मुखी रुद्राक्ष भी प्राकृतिक रूप से पेड़ों से प्राप्त किया जाता है, क्योंकि यह एक विशेष प्रकार के पेड़ का फल होता है, जो पृथ्वी पर भगवान शिव के गिरे हुए आंसुओं से उत्पन्न हुए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विभिन्न कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें एक कथा के अनुसार जब भगवान शिव मां शिवा के शोक में तपस्या में लीन हो गए थे, तब एक राक्षस के वध के लिए भगवान शिव का जागना बहुत ही आवश्यक हो गया था। जिसके परिणाम स्वरूप सभी देवताओं में भगवान शिव को तपस्या से बाहर लाए शोकाकुल होने के कारण भगवान शिव की आंखों से कुछ आंसू पृथ्वी पर गिरे जिनसे रुद्राक्ष के वनों की उत्पत्ति हुई। इसलिए रुद्राक्ष के वन ज्यादातर नेपाल तथा कैलाश पर्वत के आसपास हिमालय क्षेत्र में पाए जाते हैं। इसके अलावा रुद्राक्ष भूटान तथा दक्षिण भारत के अलावा इंडोनेशिया में भी पाए जाते हैं, किंतु सबसे उच्चतम क्वालिटी के रुद्राक्ष नेपाल में पाए जाते हैं, जो सर्वाधिक उर्जा युक्त होते हैं तथा यह रुद्राक्ष रंग और रूप में भी अन्य रुद्राक्ष की अपेक्षा उच्च होते हैं, इसलिए नेपाल में पाए जाने वाले रुद्राक्ष सबसे अच्छे रुद्राक्ष माने जाते हैं।
सात मुखी रुद्राक्ष मैं रुद्राक्ष को 7 भागों में विभाजित करने वाली स्पष्ट रेखाएं होती हैं, जो किसी भी रुद्राक्ष को 7 भागों में विभाजित करती हैं। यह रेखाएं बीच में कटी फटी नहीं होती है, जिसके कारण रुद्राक्ष सात भागों में विभाजित रहता है, इसलिए इस रुद्राक्ष में 7 मुख्य दिखाई देते हैं, जिसके कारण इसे 7 मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है जो रुद्राक्ष पेड़ के बीजों से प्राप्त किए जाते हैं। वही रुद्राक्ष सबसे असली रुद्राक्ष होते हैं क्योंकि आधुनिक समय में बहुत सारे मशीनों द्वारा बनाए गए नकली रुद्राक्ष की भी बाजार में उपलब्ध है, जिनमें असली और नकली में अंतर भी कर पाना बड़ा मुश्किल है। इसलिए आप जब भी रुद्राक्ष धारण करें रुद्राक्ष की पहचान करने के पश्चात ही असली रुद्राक्ष धारण करें जिससे आपको रुद्राक्ष धारण करने के फल प्राप्त हो सके।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे (7 Mukhi Rudraksha Benefits)
प्राचीन काल से ही रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। जिस प्रकार अन्य सभी प्रकार के रुद्राक्ष से लाभ प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार 7 mukhi rudraksha benefits भी प्राप्त किए जा सकते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष पौराणिक तथा धार्मिक दृष्टि से शनि ग्रह का स्वामित्व करता है तथा इसमें भगवान शंकर के साथ-साथ माता लक्ष्मी की कृपा होती है तथा ऐसा माना जाता है कि 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रतिनिधित्व सात समुंदर भी करते हैं जिन्हें सार्थकता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार सात समुद्र हमेशा भरे रहते हैं। उसी प्रकार 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति भी सुख संपदा से भरा रहता है। इसलिए 7 मुखी रुद्राक्ष हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। 7 mukhi rudraksha benefits प्राप्त करने के लिए इसे विधि विधान पूर्वक धारण करना चाहिए तथा ज्योतिष शास्त्री द्वारा बताए गए उपाय भी करने चाहिए, जिससे आपको 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पूर्ण फल प्राप्त हो सके। रुद्राक्ष का प्रयोग शारीरिक मानसिक सांसारिक तथा देवी शक्तियों से बचने के लिए किया जाता है, इसके अलावा यह जादू टोने तथा भूत प्रेत को भगाने के लिए भी उपयुक्त होता है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष के आयुर्वेदिक औषधि फायदे।
- 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के दैवीय फायदे।
7 मुखी रुद्राक्ष के आयुर्वेदिक औषधि फायदे
रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को समाप्त करने में सक्षम पाया जाता है। प्राचीन काल में रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में किया जाता था किंतु जैसे-जैसे विज्ञान ने तरक्की की आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग कम होने लगा तथा एलोपैथिक दवा का प्रचलन बढ़ने के कारण रुद्राक्ष का प्रयोग दवा के रूप में कम होने लगा। आधुनिक समय में जैसे लोग जानकार होते जा रहे हैं एलोपैथिक दवाइयां उनके स्वास्थ्य को ठीक करने के साथ-साथ बहुत अधिक नुकसान भी करती हैं, तो ज्यादातर लोग पुनः आयुर्वेदिक दवाइयों की तरफ बढ़ रहे हैं, इसलिए ऐसे समय में वैज्ञानिकों ने रुद्राक्ष पर विभिन्न शोध किए इसमें पाया गया कि रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय गुण होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में बहुत ही अच्छा कार्य कर सकते हैं, उस बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। इसलिए रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों को ठीक करने में किया जाने लगा है। आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेद शास्त्रियों द्वारा बीमारियों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित बीमारियों को ठीक किया जा सकता है
- पैर की समस्याओं के लिए।
- श्वसन विकार तथा अस्थमा के लिए।
- लकवा की समस्या के लिए।
- नपुंसकता के लिए।
- शारीरिक कमजोरी के लिए।
- पेट दर्द की समस्या के लिए।
- मिर्गी की समस्या मे।
- गर्भपात की समस्या के लिए।
- गठिया तथा जोड़ों के दर्द के लिए।
- पुरुषों मे शुक्राणुओं की कमी के लिए।
पैरों की समस्याओं के लिए
प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी समस्या से परेशान अवश्य रहता है, यदि आपको कमजोरी हो गई है। य
दि किसी अन्य समस्या के कारण पैरों में होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्या जैसे विकलांगता तथा की जोड़ी के कारण दर्द तथा मांसपेशियों में दर्द के अलावा साठिका तथा बाई की समस्या से जूझ रहे हैं और आप पैर होते हुए भी विकलांग की तरह जीवन जी रहे हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही दर्दनाक समय है। ऐसे समय से बचने के लिए आप विभिन्न प्रकार के प्रयास करते हैं, किंतु यदि आप सफल नहीं होते हैं तो आपके लिए पैरों की समस्या को ठीक करने के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है, इसका प्रयोग करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष को गले में तथा हाथों में धारण करना चाहिए जिससे कि आपके शरीर में रक्त संचार सामान्य मात्रा में बना रहता है, इसके अलावा रुद्राक्ष को पीसकर उसका पाउडर बना लेना चाहिए तथा इसे सरसों के तेल में मिलाकर पैरों की मालिश करनी चाहिए जिससे पैरों में होने वाली सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
श्वसन विकार तथा अस्थमा के लिए
स्वसन तंत्र तथा संचार में संतुलन ना होने के कारण अस्थमा जैसी बीमारियां शरीर में हो जाती हैं, जिनके कारण हमारा स्वसन तंत्र प्रभावित होता है और हमें स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आप अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारी से परेशान हैं, तो आप इसको दूर करने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग कर सकते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष की माला को गले में धारण करना चाहिए तथा सात मुखी रुद्राक्ष को पीतल के पात्र में पानी भर के भिगो देना चाहिए तथा प्रातः कालीन इस पानी को पी लेना चाहिए, इससे स्वास्थ संबंधित सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं तथा अस्थमा जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
लकवा की समस्या के लिए
हमारे शरीर में रक्त संचार सही से ना होने के कारण लकवा की समस्या हो जाती है तथा लकवा हमा
रे शरीर में अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण भी होता है, जिसमें शरीर का कोई अंग हाथ या पैर इसके अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के अंगों में असक्रियता हो जाती है, जिससे वह कार्य करना बंद कर देता है। इन एक्टिव होने के कारण उस अंग में पर्याप्त रूप से रक्त संचार ना होने से उस क्षेत्र के सभी मांसपेशियां तथा रक्त शिराएं कार्य करना बंद कर देती हैं, जिससे उस अंग में लकवा की समस्या उत्पन्न हो जाती है। लकवा की समस्या को ठीक करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए। सात मुखी रुद्राक्ष में विद्युत चुंबकीय गुण पाए जाते हैं, जो रक्त संचार को पर्याप्त रूप से संतुलित करने में मदद करते हैं, जिसके कारण लकवा की समस्या ठीक हो जाती है क्योंकि इसका प्रयोग करने से उस अंग में पर्याप्त रूप से रक्त संचार होने लगता है, जिससे सभी मांसपेशियां तथा हड्डियाँ पर्याप्त रूप से कार्य करने लगती हैं और लकवा की समस्या दूर हो जाती है।
नपुंसकता दूर करने के लिए
आधुनिक समय में दौड़ भरी जिंदगी तथा पोषक पदार्थों की कमी के कारण अधिकतर पुरुषों में नपुंसकता की समस्या होती है, जिसके कारण महिला साथी को सेक्स क्रिया में संतुष्ट करने में असमर्थ तथा किसी भी महिला को गर्भवती करने में असमर्थ होते हैं, क्योंकि उनके बारे में पर्याप्त रूप से शुक्राणु नहीं होते हैं या फिर शुक्राणु की कमी के कारण के लिंग में पर्याप्त नहीं आता है, जिसके कारण पुरुष महिला के साथ सेक्स क्रिया करने में असमर्थ रहते हैं और यदि सेक्स क्रिया करते भी हैं तो वीर्य में पर्याप्त रूप से शुक्राणु ना होने के कारण वीर्य बहुत पतला होता है, जो महिलाओं को गर्भधारण करने के लायक नहीं होता है, जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। इन सभी समस्याओं के कारण पुरुषों में नपुंसकता की समस्या हो जाती है, जिसके कारण पुरुष प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। कभी-कभी महिलाओं में भी प्रजनन क्षमता कमजोर होने के कारण महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। महिला तथा पुरुष दोनों की नपुंसकता दूर करने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जा सकता है, रुद्राक्ष का प्रयोग करने के लिए रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग दैनिक रूप से रात को सोते समय तथा प्रातः कालीन करना चाहिए, जिससे महिला तथा पुरुषों की शारीरिक शक्ति में विकास होता है और उनकी प्रजनन क्षमता मजबूत होती है जिससे कि उनकी नपुंसकता दूर हो जाती है।
शारीरिक कमजोरी के लिए 7 Mukhi Rudraksha Benefits
आधुनिक समय में प्रदूषित वातावरण तथा खाद्य पदार्थों के कारण हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है के कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। शारीरिक कमजोरी के कारण हमारे शरीर के अंगों का विकास पर्याप्त रूप से नहीं हो पाता है तथा हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों का शिकार हो जाता है, जिसके कारण शरीर में मांसपेशियों तथा शारीरिक अंगों का विकास रुक जाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि शरीर की कमजोरी को दूर किया जाए शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों का पहुंचना बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए हम ऐसे खाद्य पदार्थों का प्रयोग करेंगे में पर्याप्त रूप से पोषक तत्व उपलब्ध है, किंतु आधुनिक समय में पर्यावरण प्रदूषण के कारण खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी हो गई है इसलिए हमें पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के उपाय अपनाने पड़ते हैं, जिनमें यदि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है तो आप रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग सुबह शाम करना चाहिए, जिससे शरीर में ऊर्जा की वृद्धि होती है तथा शारीरिक कमजोरी दूर होती है। यदि आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं तो आपको उपरोक्त बताए गए तरीके से शरीर को मजबूत बढ़ाना चाहिए तथा स्वस्थ जीवन जीना चाहती है सात मुखी रुद्राक्ष शरीर को स्वस्थ बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
पेट दर्द की समस्या के लिए
हमारे शरीर में पेट एक ऐसा अंग है जहां पर बहुत सारे शरीर के अंग स्थित होते हैं तथा यह सभी अंग हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी भी होते हैं। इसलिए पेट को एक सेंसेटिव बॉडी पार्ट माना जाता है तथा पेट की समस्या के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी होती है, इसलिए यदि पेट में गैस या कब्ज के कारण दर्द की समस्या रहती है तो विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं। इसलिए पेट को स्वस्थ रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होती है पेट को स्वस्थ रखने के लिए पेट की पाचन क्रिया सही होना बहुत ही आवश्यक है। यदि पाचन क्रिया सही होती है तो हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण तथा ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। किंतु यदि पेट की पाचन क्रिया सही नहीं है तो इसके लिए आप सात मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग कर सकते हैं, इसका प्रयोग करने के लिए आप सात मुखी रुद्राक्ष को पानी में भिगोकर इसके पानी का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा 7 मुखी रुद्राक्ष को बारीक पीसकर पाउडर बना लेते हैं और इस पाउडर को दही या छाछ में काले नमक के साथ मिलाकर पीने से पाचन क्रिया सही होती है, जिससे पेट संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसलिए यदि आपको पेट दर्द संबंधित कोई समस्या है तो आप उसको ठीक करने के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग कर सकते हैं।
मिर्गी की समस्या के लिए
सात मुखी रुद्राक्ष की सहायता से मिर्गी जैसे समस्या को ठीक किया जा सकता है, जिन लोगों को मिर्गी या दौरे की समस्या होती है, उनको इसका सेवन करना चाहिए। विभिन्न लोगों को न्यूरोलॉजिकल समस्या या किसी मानसिक तनाव के कारण मिर्गी की समस्या आने लगती है, जिसमें व्यक्ति बेहोश हो जाता है तथा उसके मुंह से झाग निकलने लगता है। विषम परिस्थितियों में ऐसे व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, ऐसे ही समस्याओं को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग करना चाहिए 7 मुखी रुद्राक्ष को पीतल के पात्र में भिगोकर प्रातः कालीन उस पानी का प्रयोग करना चाहिए। रुद्राक्ष के पानी का दैनिक रूप से प्रयोग करने के कारण मिर्गी की समस्या ठीक हो जाती है और व्यक्ति को मिर्गी समस्या से राहत मिलती है, इसलिए जिन लोगों को मिर्गी या दौरे की समस्या होती है, उनको दैनिक रूप से 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए।
गर्भपात की समस्या के लिए
महिलाओं में जब शारीरिक कमजोरी तथा गर्भधारण करने की क्षमता कमजोर होती है तथा उनके शरीर में कमजोरी के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, तो महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या होती है। ऐसी महिलाएं गर्भधारण कर भी लेते हैं तो कुछ समय पश्चात गर्भपात हो जाता है। इसलिए महिलाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने तथा गर्भपात की समस्याओं को रोकने के लिए 7 Mukhi Rudraksha Benefits का प्रयोग किया जा सकता है। सात मुखी रुद्राक्ष महिलाओं की शारीरिक कमजोरी दूर करता है तथा महिलाओं में प्रजनन क्षमता का विकास करता है, जिससे महिलाएं गर्भ धारण करते हैं तथा गर्भपात से बचते हैं और सुंदर संतान को जन्म देते हैं। महिलाओं के साथ साथ सात मुखी रुद्राक्ष पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता का विकास करता है, इसलिए महिला तथा पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने तथा शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष बहुत ही उपयोगी माना जाता है।
गठिया तथा जोड़ों के दर्द के लिए
आधुनिक समय में कमजोर शारीरिक शक्ति तथा पोषण की कमी के कारण लोगों के शरीर में तथा हड्डियों के जोड़ों से लेकर पैरों के घुटने तक दर्द की समस्या होने लगती है। यह समस्या शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी बहुत अधिक मात्रा में होने लगती है शरीर से गठिया तथा जोड़ों की दर्द की समस्या को ठीक करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है। सात मुखी रुद्राक्ष में एंटीबायोटिक एंटीसेप्टिक तथा anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इसका प्रयोग शरीर के दर्द तथा जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए किया जाता है तथा जोड़ों में हुई सूजन को ठीक करने के लिए भी 7 मुखी रुद्राक्ष प्रयोग में लाया जाता है। जिन लोगों को गठिया तथा जोड़ों के दर्द से समस्या होती है उनको दैनिक रूप से 7 मुखी रुद्राक्ष का पानी का प्रयोग करना चाहिए।
पुरुषों मे शुक्राणुओं की कमी के लिए
पुरुषों में जब शारीरिक कमजोरी होती है तो उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, क्योंकि पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की कमी रहती है। शुक्राणुओं की कमी के कारण कोई भी व्यक्ति किसी भी महिला के साथ पर्याप्त समय तक संभोग क्रिया करने में असमर्थ रहता है तथा उस की प्रजनन क्षमता कमजोर रहती है तथा उसके शरीर में विभिन्न प्रकार की सेक्स संबंधित समस्याएं रहती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति को 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि उसके शरीर में शारीरिक शक्ति का विकास होता है और पर्याप्त रूप से वीर्य में शुक्राणुओं का निर्माण होता है, जिससे व्यक्ति की प्रजनन क्षमता मजबूत होती है और व्यक्ति किसी महिला को स्वस्थ शुक्राणु देकर गर्भवती करने में समर्थ होता है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के दैवीय फायदे
जैसा कि आप जानते हैं कि साथ में फिर तो आप हमें भगवान शिव के साथ-साथ 7 देवियों की कृपा होती है तथा इसे सात समुद्रों का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यह रुद्राक्ष प्राकृतिक शक्तियों के लिए बहुत ही शक्तिशाली होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा हमारे आसपास से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। पौराणिक मान्यताओं तथा धार्मिक कथाओं के अनुसार 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के आसपास किसी भी बुरी आत्मा का साया नहीं होता है तथा वह भूत प्रेत जादू टोना आदि बुरे कर्मों से दूर रहता है। उसके जीवन में किसी प्रकार के दुख संकट नहीं आते हैं, उसका जीवन समुद्र की तरह पूर्ण तथा परिपक्व होता है, जिसके पास किसी भी चीज की कमी नहीं होती है, इसलिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के निम्नलिखित फायदे बताए गए हैं।
- जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती होती है, उनको 7 Mukhi Rudraksha Benefits प्राप्त करने के लिए धारण करना चाहिए जिससे कि उनके जीवन से शनि की कुदृष्टि समाप्त हो जाए।
- 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आय के स्रोत बढ़ जाते हैं।
- जीवन से गरीबी तथा दरिद्रता दूर हो जाती है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन से असंतोष दूर हो जाता है जिससे व्यक्ति को शांति मिलती है।
- व्यक्ति के जीवन पर जादू टोना तथा भूत प्रेत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर 7 नाग अनंत, करकट, पुंड्रिक, तक्षक, विशोलबन, करोश और शंखचूड़ की कृपा होती है जिसके कारण व्यक्ति अत्यधिक शक्तिशाली होता है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति शरीर के मणिपुर चक्र से जुड़ जाता है जिससे उसके जीवन में आत्मसम्मान तथा साहस प्राप्त होता है।
- जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए।
- व्यापार तथा अन्य क्षेत्रों में लाभ प्राप्त करने के लिए।
- अपने जीवन से निर्धनता समाप्त करने के लिए।
- विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए।
- अपने जीवन में उन्नति तथा सफलता प्राप्त करने के लिए।
- सभी प्रकार के सुख तथा विलासिता पूर्ण जीवन प्राप्त करने के लिए।
निष्कर्ष
रुद्राक्ष का प्रयोग प्राचीन काल से विभिन्न प्रकार के कार्य सिद्धि के लिए किया जाता रहा है, कुछ लोग रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए करते हैं, तो कुछ लोग मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं, किंतु अधिकतर लोग रुद्राक्ष का प्रयोग दैवी शक्तियों से बचने के लिए भी करते हैं। आधुनिक समय में लोग सुख समृद्धि तथा शांति प्राप्त करने के लिए भी रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम माना जाता है। इसलिए लोग शारीरिक समस्याओं तथा विभिन्न प्रकार की अन्य समस्याओं से बचने के लिए इस रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं। उपरोक्त लेख में 7 mukhi rudraksha benefits के बारे में बताया गया है, जिसके द्वारा आप विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हैं तथा रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात बताए गए उपरोक्त सभी समस्याओं से राहत पा सकते हैं। यदि आपके जीवन में उपरोक्त समस्याएं हैं, तो आप भी सात मुखी रुद्राक्ष बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं तथा अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं, रुद्राक्ष आपके जीवन में सुख समृद्धि तथा सफलता प्रदान करते हैं तथा से आपका जीवन उज्जवल प्रकाश की ओर बढ़ता है।
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लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
7 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?
सात मुखी रुद्राक्ष सामान परिस्थितियों में कोई भी धारण कर सकता है किंतु इस रुद्राक्ष को शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण कर सकता है तथा शनि के कुंडली पर बुरे प्रभाव को समाप्त करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा 7 मुखी रुद्राक्ष जीवन में धन वैभव संपदा तथा सम्मान प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है, सात मुखी रुद्राक्ष से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। इसलिए यह रुद्राक्ष हमारे जीवन को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करता है।
7 Mukhi रुद्राक्ष कितने दिन में असर दिखाता है?
7 Mukhi Rudraksha Benefits का असर तुरंत प्रारंभ होती जाता है किंतु आप किस प्रकार के कार्य की सिद्धि के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं, इसका प्रभाव इस पर भी निर्भर करता है। यदि आप किसी ऐसे कार्य को सिद्ध करने के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग कर रहे हैं, जिसको होने में समय लगता है तो 7 मुखी रुद्राक्ष का प्रभाव तो तुरंत प्रारंभ हो जाता है, लेकिन इसका प्रभाव आपको काफी समय बाद दिखाई देता है। इसलिए रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात धैर्य पूर्वक काम लेना चाहिए या के जीवन से सभी समस्याओं को दूर अवश्य कर देगा।
7 मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कैसे करें?
7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने तथा अभिमंत्रित करने के लिए निर्धारित दिन को स्नान तथा शुद्ध कपड़े धारण करने के पश्चात पूजा घर में आसन ग्रहण करना चाहिए तथा उसके पश्चात भगवान शिव का ध्यान करते हुए “ऊं ह्रीं नम:” तथा “ऊं नमः शिवाय” का 108 बार जाप करते हुए भगवान शिव तथा 7 मुखी रुद्राक्ष में विराजमान माँ लक्ष्मी का स्मरण करना चाहिए।