आधुनिक समय में पूरी दुनिया की नजर क्रिप्टो करेंसी पर है या दुनिया के कुछ विकसित देश क्रिप्टोकरंसी की ओर बढ़ रहे हैं। बहुत सारे देश क्रिप्टोकरंसी द्वारा ही अपने लेनदेन तथा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के खरीद तथा बिक्री संबंधी कार्य करते हैं। किंतु डिसेंट्रलाइज और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं जैसे कर चोरी, नो रिस्पांसिबिलिटी और डिसेंट्रलाइज होने के कारण भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी को भारत में वैध करने में अभी भी विचार कर रही है। किंतु 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरंसी के रूप में भारतीय करंसी की घोषणा की है। जिसे डिजिटल असेट्स के रूप में खरीदा था बेचा जा सकता है। किंतु इस पर किसी भी संस्था का अधिकार ना होने के कारण अभी भी इसे लीगल टेंडर नहीं दिया गया है अर्थात आप डायरेक्ट करेंसी की के स्थान पर क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। कुछ देशों में करंसी के स्थान पर डिजिटल करेंसी के रूप में क्रिप्टो करेंसी का प्रयोग किया जा रहा है। अभी हाल में rajkotupdates समाचार सरकार क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग पर टीडीएस टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है क्योंकि लोग बहुत अधिक मात्रा में इस समय क्रिप्टोकरंसी की ओर आकर्षित हो रहे हैं और उसे डिजिटल माध्यम से प्रयोग कर रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) क्या है?
आधुनिक समय में पूरे दुनिया की निगाहें क्रिप्टोकरंसी पर टिकी हुई हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी डिजिटल करंसी है जिसे रखरखाव तथा लेनदेन में बहुत कम खर्चे तथा मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसे एक क्रिप्टोचैन द्वारा कंट्रोल किया जाता है, जिसे क्रिप्टोग्राफी कहा जाता है। इसका किसी भी एक कंपनियां संस्था के पास अधिकार या अधिपत्य नहीं है जिसके कारण इसे किसी भी ट्रांसफर या रखरखाव में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, अर्थात क्रिप्टोकरंसी में धोखाधड़ी तथा चोरी करना बड़ा मुश्किल काम है क्योंकि यह एक विशेष प्रकार के क्रिप्टोग्राफी नेटवर्क द्वारा सभी निवेशकों के साथ जुड़ी होती है, जिसे विशेष प्रकार के कोड द्वारा संचालित किया जाता है। इसलिए नेटवर्क में उपस्थित सभी निवेशकों की कोई पहचान उपलब्ध नहीं होती है, वहां पर केवल एक कोड होता है जिसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से तथा पासवर्ड का प्रयोग करते हुए डी कोड करके यूजर की पहचान की जा सकती है और यदि ऐसा करते समय किसी प्रकार का घोटाला या चोरी की जाती है तो इसे सभी प्रकार के नेटवर्क द्वारा ट्रैक किया जा सकता है और चोरी करने वाले व्यक्ति को बड़े आसानी से पकड़ा जा सकता है।
क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसकी कोई निर्धारित वैल्यू नहीं होती है यह वर्तमान समय के उपयोगकर्ताओं की जरूरत के हिसाब से घटाई तथा बढ़ाई जा सकती है। किंतु इसमें करंसी की संख्या निर्धारित होती है इसीलिए इसकी वैल्यू में गिरावट संभव नहीं है। यदि कोई संस्था या कोई व्यक्ति धोखाधड़ी करते हुए या स्पैम करते हुए क्रिप्टोकरंसी के दर को गिराना चाहता है तो वह संभव नहीं है, क्योंकि क्रिप्टोकरंसी के कॉइंस की संख्या निर्धारित होती है और इसकी कोई फिजिकल वैल्यू नहीं होती है, जिसके कारण क्रिप्टोकरंसी को ब्लैक मनी तथा मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा अन्य विशेष प्रकार के गैर कानूनी गतिविधि में शामिल नहीं किया जा सकता है। यदि इसे ऑनलाइन माध्यम से प्रयोग करते हैं तो सॉफ्टवेयर द्वारा आपके ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरंसी पर सरकार के विचारधारा (Government’s Ideology on Cryptocurrency)
2022 के बजट के पहले सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को भारत में बैन कर रखा था अर्थात क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन तथा किसी प्रकार के धोखाधड़ी से संबंधित कोई भी शिकायत होने पर उसने भारत सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती थी और निवेशक इसे अपनी मर्जी तथा अपने रिस्क के ऊपर क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर सकता था। किंतु क्रिप्टोकरंसी की तरफ बढ़ते हुए लोगों का रुझान तथा निवेशकों के इंटरेस्ट पर सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को डिजिटल मनी के रूप में लीगल करार दिया है। किंतु फिजिकल माध्यम से क्रिप्टो करेंसी को खरीद-फरोख्त के लिए लीगल टेंडर नहीं माना गया है, किंतु जो लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं या कर रहे हैं इसे डिजिटल मनी के रूप में लीगल माना जाता है। अभी हाल में मिली जानकारी के अनुसार rajkotupdates समाचार सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग पर टीडीएस टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है, जिसमें सरकार निवेश करने के पश्चात क्रिप्टो करेंसी से प्राप्त लाभ पर टेक्स्ट तथा विक्री पर टिडीएस व टीसीएस लेने का विचार कर रही है।
Rajkotupdates.News : Government May Consider Levying TDs TCs On Cryptocurrency Trading
प्रारंभिक समय में जब 2009 में क्रिप्टोकरंसी प्रारंभ हुई थी तब सरकार को टैक्स चोरी तथा मनी लांड्रिंग का भय था, जिसके कारण भारत सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को भारत में लीगल नहीं किया था। किंतु आधुनिक समय में क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के डिजिटल ट्रांजैक्शन तथा लोगों का बढ़ता निवेश देखने के पश्चात सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को भारत में लीगल करार किया है। भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि क्रिप्टोकरंसी रखरखाव तथा सुरक्षा की दृष्टि से आसान तथा सस्ता करंसी सिस्टम है जो डिजिटल मनी को बढ़ावा दे सकता है, किंतु क्रिप्टो करेंसी के रूप में भारतीय डिजिटल करंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाएगी जो भारत में लीगल मानी जाएगी और यदि भारतीय क्रिप्टो करेंसी के अलावा निवेशक किसी अन्य क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं तो उन्हें टैक्स टीडीएस तथा टीसीएस देने की आवश्यकता होगी, किंतु यदि निवेशक भारतीय डिजिटल क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं तो उन्हें किसी प्रकार के कोई टैक्स या टीडीएस एटीएस देने की आवश्यकता नहीं होती है।
क्रिप्टोकरेंसी में टैक्स के साथ पड़ेगा टीडीएस और टीसीएस (TDS and TCS will be applicable along with tax in cryptocurrency)
जैसा कि भारत सरकार का मानना था कि क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने के कारण टैक्स चोरी तथा मनी लॉन्ड्रिंग होने के कारण, अवैध हथियार, नशीले पदार्थ तथा अन्य विभिन्न प्रकार के अवैध वस्तुओं का प्रयोग तथा खरीद-फरोख्त के बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी, क्योंकि इसके निवेश में प्रयोग होने वाले ट्रांजैक्शन को ट्रैक करना मुश्किल काम माना जाता है, इसलिए ऐसे विभिन्न समस्याओं से बचने के लिए भारत सरकार ने 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा यह घोषणा की गई थी जल्द ही भारत सरकार की निर्देशानुसार भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारतीय क्रिप्टोकरंसी जारी करने जा रहा है, जिस पर निवेश करने वाले भारतीयों पर टीडीएस टीसीएस और टैक्स में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, अर्थात भारतीय क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने पर यहां के लोगों को टैक्स और टीडीएस और टीसीएस देने की आवश्यकता नहीं है। किंतु किसी दूसरी क्रिप्टोकरंसी में यदि कोई निवेशक निवेश करता है, तो सही 30% टैक्स तथा 1% टीडीएस और टीसीएस देने की आवश्यकता होगी जिससे मनी लांड्रिंग तथा टैक्स चोरी को पकड़ा जा सकता है और असंवैधानिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है। किंतु यदि आप भारतीय क्रिप्टोकरंसी पर निवेश करते हैं तो इस पर आपको कोई टैक्स एटीडीएस और टीसीएस देने की आवश्यकता नहीं है, इससे भारतीय क्रिप्टोकरंसी में निवेश बढ़ने की अधिक अवसर दिखाई देते हैं।
सरकार के फैसले के कारण निवेशकों और व्यापारियों पर बढ़ सकता है बोझ (The burden on investors and traders may increase due to the government’s decision)
क्रिप्टो करेंसी अब ऐसे निवेशकों तथा व्यापारियों पर प्रभाव डालेगा जो अभी तक क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से लेनदेन तथा व्यापार कर रहे थे क्योंकि अभी तक उन्हें किसी प्रकार का कोई टैक्स तथा टीडीएस व टीसीएस देने की आवश्यकता नहीं होती थी, जिसके कारण लोग सामान्य करेंसी को क्रिप्टोकरंसी में परिवर्तित करके देश सहित विदेशों में भी ट्रांजैक्शन करते थे जिसका सरकार के पास कोई हिसाब तथा उससे कमाई गई रकम का कोई टैक्स नहीं मिलता था। किंतु अब 2022-23 के बजट के अनुसार क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वाले सभी व्यापारियों तथा निवेशकों को अपनी आय का विवरण देना होगा जिसके तहत उन्हें 30% टैक्स तथा 1% टीसीएस व टीडीएस भी देना होगा। आपको बता दें कि टीडीएस आय के स्रोत पर लिया गया कर होता है तथा टीसीएस आय के स्रोत द्वारा एकत्रित किया गया कुल कर होता है, जो भारत सरकार के खाते में जमा होता है। इससे भारत सरकार टैक्स चोरी सहित अन्य विभिन्न प्रकार के ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग कर सकती है, जिसके कारण निवेशक ने किस कार्य के लिए कहां पर ट्रांजैक्शन किया है उसको ट्रैक कर पाना बहुत आसान हो जाएगा।
किस भारत सरकार ने सभी निवेशकों व्यापारियों के लिए भारतीय क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग करने का रास्ता खोल दिया है, जिसे इसी वर्ष भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाएगा जिसके नाम का निर्धारण अभी नहीं किया गया है किंतु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इसे जल्द ही जारी किया जाएगा और इसमें निवेश तथा व्यापार करने का कोई टैक्स टीडीएस नहीं देना होगा।
भारत में टैक्स के लिए क्रिप्टो करेंसी की मॉनिटरिंग की समस्या
जैसा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है, कि क्रिप्टोकरंसी में निवेश तथा व्यापार करने के लिए निवेशकों तथा व्यापारियों को टैक्स के साथ-साथ टीडीएस व टीसीएस देने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों का रिकॉर्ड होना बहुत ही आवश्यक है। किंतु इसे किसी भी सेंट्रलाइज अथॉरिटी द्वारा मॉनिटर नहीं किया जाता है, जिससे इसका विवरण प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल है इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी को अभी भी भारत में रेगुलेटेड नहीं किया गया है, जिसके कारण इसका प्रबंधन करना बड़ा मुश्किल काम माना जा रहा है, जिसके कारण निवेशकों की पहचान तथा निवेशकों को रिकॉर्ड रख पाना मुश्किल काम है तथा इससे टैक्स चोरी के साथ-साथ अन्य मनी लॉन्ड्रिंग की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए भारत में क्रिप्टोकरंसी के प्रबंधन को शीघ्र दुरुस्त करने की आवश्यकता है जिससे इसे प्रबंधित तरीके से संचालित किया जा सके।
भारत में क्रिप्टोकरंसी में होने वाले परिवर्तन
जैसा कि आप जानते हैं भारत में अभी तक क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेटेड नहीं किया है जिसके कारण क्रिप्टो करेंसी का रिकॉर्ड रख पाना तथा उससे कर वसूल करना सरकार के लिए एक चुनौती माना जा रहा है, किंतु सरकार धीरे-धीरे इस परिवर्तन की ओर बढ़ रही है और क्रिप्टोकरंसी से संबंधित संस्था द्वारा क्रिप्टो करेंसी को रिलेटेड करने की योजना बना रही है, और इसके साथ ही भारतीय क्रिप्टोकरंसी जारी करने के निर्देश सरकार द्वारा प्राप्त हो चुके हैं, जैसे भारतीय क्रिप्टोकरंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाती है, भारत में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेटेड कर दिया जाएगा इसके अलावा भारत सरकार को क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज और डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी रेगुलेट करने की आवश्यकता है, जिससे क्रिप्टोकरंसी मे निवेश के लिए सभी को समान अधिकार दिया जा सके।
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निष्कर्ष
क्रिप्टोकरंसी एक प्रकार के डिजिटल करंसी है जिसका किसी भी केंद्रीकरण संस्था द्वारा संचालन नहीं किया जाता है, इसके दर क्रिप्टोकरंसी के उपलब्ध कॉइंस के आधार पर तथा उसकी जरूरतों की मांग पर घटती और बढ़ती रहती है, इसलिए भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी को वैध घोषित नहीं किया गया था, किंतु 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को भारत में वैध घोषित किया गया है। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेटेड करके भारतीय क्रिप्टो करंसी कॉइन जारी करने की घोषणा की गई है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाएगा और भारतीय क्रिकेटर करंसी के अलावा यदि भारतीय निवेशक किसी अन्य क्रिप्टोकरंसी पर निवेश करते हैं तो उन्हें टैक्स के साथ-साथ टीडीएस और टीसीएस देने की आवश्यकता होती है,अभी हाल में हुई एक घोषणा में rajkotupdates समाचार सरकार क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग पर टीडीएस टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है, जिससे निवेशकों तथा व्यापारियों पर इसका प्रभाव दिखाई देगा किंतु इसके रेगुलेटेड हो जाने के कारण यह सुरक्षित तथा आसान हो जाएगा।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
टीडीएस और टीसीएस मे क्या अंतर है?
टीडीएस को टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स तथा टीसीएस को टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स कहा जाता है। टीडीएस भारत सरकार द्वारा आय के स्रोत पर लिया गया कर होता है तथा टीसीएस के माध्यम से आय के स्रोत से प्राप्त कुल प्रत्यक्ष कर की गणना की जाती है, जिसे भारत सरकार के टैक्स नियमों के अंतर्गत लिया जाता है।
टीडीएस और टीसीएस भारत में क्रिप्टोकरंसी को कैसे प्रभावित करेंगे?
अभी तक क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने का कोई भी टैक्स नहीं दिया जाता था किंतु यदि अब आप क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं, तो आपको 1% टीडीएस और टीसीएस देने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार लोगों की आय पर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इसको 1% की दर से भारत सरकार को देना होगा।
क्या भारत में क्रिप्टोकरंसी को कानूनी मान्यता है?
2022 तथा 23 के भजट ऐलान के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को भारत में निवेश तथा व्यापार के लिए संवैधानिक करार दिया गया है, किंतु इसके साथ ही क्रिप्टोकरंसी में निवेश तथा व्यापार पर आपको 30% टैक्स के साथ-साथ 1% टीडीएस तथा टीसीएस देने का ऐलान किया गया है जिससे व्यापारियों तथा निवेशकों की इनकम पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन तथा व्यापार के डाटा को सरकार कैसे मैनेज करेगी?
भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को भारत में अवैध घोषित किया है, इसका मतलब है कि अब भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन के डाटा को कंट्रोल करेगा। इसलिए अब यदि कोई भी निवेशक क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से निवेश करता है या कोई व्यापारी लेनदेन करता है, तो उसके ट्रांजैक्शन को रेगुलेट किया जाएगा जिससे कि टैक्स चोरी तथा अन्य मामलों में रोक लगाई जा सके।
क्या भारत सरकार ने खुद की क्रिप्टोकरंसी जारी की है?
अभी तक भारत सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को संवैधानिक घोषित नहीं किया था किंतु अब जैसे ही क्रिप्टोकरंसी को असंवैधानिक घोषित किया गया है, उसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा बजट में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय क्रिप्टोकरंसी जारी करने की घोषणा की गई है और इस पर किसी प्रकार का कोई टैक्स ना देने की बात भी कही गई है जिससे भारतीय क्रिप्टोकरंसी में निवेशकों का रुझान बढ़ जाएगा।